पैंगोंग झील का दक्षिणी तट भारत के कब्जे में – भारतीय जवानों ने पूरे इलाके को खाली कराया

भारत और चीन की सेनाओं के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर 29 अगस्त की रात हुई झड़प के बाद तनाव कायम है। चीनी सैनिकों की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करने के साथ ही भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी इलाकों को पूरी तरह से चीनी सेना से मुक्त करा लिया है। इसके साथ ही पैंगोंग झील क्षेत्र में तैनाती बढ़ा दी है। सेना से जुड़े सूत्रों के अनुसार, अब दक्षिणी छोर वाला हिस्सी पूरी तरह से भारतीय सेना के नियंत्रण में है। वहीं, चुशूल में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन भी दोनों पक्षों में ब्रिगेड कमांडर स्तर की बैठक की गई है। 

सैन्य सूत्रों ने कहा कि भारतीय सेना ने ऊंचे इलाकों में मोर्चा संभाल लिया है। चीनी सेना की हरकतों पर पैनी नजर रखी जा रही है। दोनों देशों की तरफ से हथियारों की तैनाती भी की गई है।

सेना से जुड़े सूत्रों के अनुसार, दक्षिणी हिस्सा फिंगर पांच और उसके आसपास तक के इलाके को कवर करता है, जहां कुछ स्थानों पर चीनी सेना की मौजूदगी दी थी। फिंगर 5 में ऊंचाई वाले स्थानों पर भी चीनी सैनिक डटे हुए थे। लेकिन ताजा झड़प के बाद भारतीय सेना ने न सिर्फ उसे आगे बढ़ने से रोका है बल्कि और पीछे धकेल दिया है। सूत्रों ने कहा कि इस समय दक्षिणी हिस्से में भारतीय सेना ने ऊंचाई वाले स्थानों पर तैनाती कर दी है। इससे वह चीनी सेना को मुंहतोड़ जवाब देने में सक्षम है। चीनी सेना इस समय झील के उत्तरी हिस्से में मौजूद है, जो फिंगर-छह से आठ के बीच का इलाका है। 

सूत्रों ने कहा कि सेनाओं, टैंकों एवं अतिरिक्त हथियारों की तैनाती में दोनों पक्षों ने इजाफा किया है। चीन का जिस प्रकार का रवैया हाल के दिनों में रहा है और वह लगातार एलएसी के निकट अपने घातक हथियार बढ़ा रहा है, उससे उसकी नीयत पर संदेह होता है। हालांकि भारतीय सेना हर चुनौती के लिए तैयार है।

सेना ने सोशल मीडिया में चल रही उन अटकलों पर भी चुप्पी साध ली है जिसमें कहा गया है कि भारतीय सैनिक तिब्बत के इलाके में एक चौकी पर काबिज हो गए हैं। इसमें एसएफएफ जवान के मारे जाने की खबर है। हालांकि सेना का कहना है कि यह जवान 1962 में बिछी एक लैंडमाइन के फटने से मारा गया है।

सेना के सूत्रों ने चीन के उस दावे को भी खारिज किया है, जिसमें उसने कहा था कि भारतीय सैनिकों ने एलएसी पार की और चीनी सीमा में घुसे।

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