- Last updated: Mon, 27 Apr 2020
जमीयत दावतुल मुसलीमीन के संरक्षक मशहूर आलिम इमाम मौलाना कारी इसहाक गोरा की अगुवाई में रोजेदारों के लिए शुरू की गई हेल्पलाइन पर रोजेदारों ने सवाल पूछ कर अपनी शंकाओं का शरीयत की रोशनी में समाधान किया।
रोजेदारों को बताया गया कि रोजेदारों की दुआ अल्लाह पाक फौरन कबूल करता है। इसीलिए रोजेदारों को चाहिए कि वह अपने देश में फैल रही कोरोना जैसी महामारी के खत्मे के लिए दुआ कर अल्लाह से अमन की दुआएं मांगे। साथ ही लॉकडाउन का पालन करते हुए रोजों के उसूलों को समझते हुए रोजे रखें।
शेखपुरा कदीम निवासी राव मुस्तफा ने मालूम किया कि रोजे की हालत में क्या सैनिटाइजर हाथ पर लगा सकते हैं, इससे रोजा तो नहीं जाएगा? इसके जवाब में बताया गया कि बिल्कुल लगाया जा सकता है। रोजे की हालत में हाथों पर सैनिटाइजर लगाने से रोजा नहीं टूटता है।
धोभी वाला निवासी नईम ने पूछा कि मैं मजदूर तबके का व्यक्ति हूं और हमारे मोहल्ले के ज्यादातर मजदूर हैं, लॉकडाउन की वजह से घर की माली हालत बहुत खराब है, खाने पीने के लिए सोचना पड़ता है। थोड़ी दूर पर कोई साहब राशन बाटते हैं, हम लोग वहां से ले आते हैं, कुछ लोग हमारी मजाक बनाते हुए हंसते हैं जिससे हमें जलालत महसूस होती है। अब ऐसी सूरत में शरीयत के मुताबिक़ हमें क्या करना चाहिए? नईम के सवाल का जवाब देते हुए कारी इसहाक गोरा ने कहा कि बड़ा अफसोस हुआ यह सवाल सुनकर। शरीयत की किताबों में गरीब मजबूर का मजाक बनाने वाला व्यक्ति सख्त गुनाहगार बताया गया है। शरीयत के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी मजबूर इंसान का मजाक बनाता है यकीनन वह ख़ुद अपने लिए अल्लाह के अजाब को दावत दे रहा है। मजाक बनाने वालों को एहद के साथ अल्लाह से तौबा और एक दूसरे की मदद के लिए आगे आना चाहिए।