एलएसी पर तनाव के बीच आईटीबीपी संगठनात्मक तैयारियों को पुख्ता करने में जुटी है। इसका मकसद सीमा प्रबंधन पर समन्वय बेहतर और मज़बूत करना है।आईटीबीपी में दो एडीजी की नियुक्ति की कवायद की जा रही है। ये पद काफी समय से खाली हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बल में एडीजी के फिलहाल तीन पद हैं। केवल एक एडीजी की नियुक्ति हुई है और दो पद खाली हैं।
अधिकारी ने कहा कि आईटीबीपी में एडीजी रैंक में इसके कैडर से कोई अधिकारी नहीं है और इस सिलसिले में विभागीय पदोन्नति समिति की बैठकें लंबित हैं। लेकिन सीमा पर तनाव के बाद अपने कमान में बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए अधिकारियों के रिक्त पद जल्द भरने की जरूरत महसूस की जा रही है।
गौरतलब है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पिछले साल अक्टूबर में दो कमानों के गठन की स्वीकृति प्रदान की थी। जून में चंडीगढ़ और गुवाहाटी में अपने दो नए स्वीकृत कमानों का संचालन शुरू करने का आदेश आईटीबीपी ने दिया था। ये चीन से लगी 3,488 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर सैनिकों की तैनाती की
निगरानी करेंगी। पश्चिमी कमान को देहरादून स्थित उत्तरी सीमांत में आईटीबीपी नियुक्तियों पर नियंत्रण प्राप्त होगा। जिसके अंतर्गत शिमला, देहरादून और बरेली
सेक्टर हैं। वहीं, उत्तर पश्चिम सीमांत कमान को पिछले साल अप्रैल में चंडीगढ़ से हटा कर लेह कर दिया गया था और इसके श्रीनगर एवं लद्दाख सेक्टर हैं।
अधिकारियों ने कहा जिन एडीजी की नियुक्ति होनी है वे सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के समकक्ष होंगे। अधिकारियों ने कहा, चीन से लगी एलएसी, लद्दाख से लेकर अरूणाचल प्रदेश में तैनात बल की करीब 35-38 बटालिनों के बेहतर संचालन के उद्देश्य से कमान बनाने की कवायद की गई थी। फिलहाल एडीजी की अनुपस्थिति में आईजी स्तर के अधिकारी इसका प्रभार संभाल रहे हैं।