राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार के विश्वास मत हासिल करने के बाद प्रदेश कांग्रेस में बदलाव शुरू हो गए हैं। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अजय माकन को राजस्थान कांग्रेस का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया है। अभी तक यह जिम्मेदारी अविनाश पांडे संभाल रहे थे, जिन्हें बदलने की मांग सचिन पायलट लगातार कर रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राजस्थान में पार्टी के बागियों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए तीन सदस्यीय समिति का भी गठन किया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, अजय माकन और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल समिति के सदस्य होंगे।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व उप- मुख्यमंत्री सचिन पायलट लगातार प्रदेश के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे को हटाने की मांग कर रहे थे। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने यह मांग उठाई थी। सचिन पायलट ने अपने समर्थक 18 विधायकों के साथ मिलकर पिछले महीने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी। महीनेभर तक चला राजस्थान कांग्रेस और सरकार का संकट राहुल और प्रियंका के हस्तक्षेप के बाद इस सप्ताह हल हो सका। प्रियंका गांधी और राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात के बाद सचिन पायलट वापस राजस्थान गए और सरकार द्वारा विधानसभा में लाए गए विश्वास मत के प्रस्ताव में हिस्सा लिया।
पार्टी नेतृत्व ने बागी विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए तीन सदस्य समिति गठित करने की घोषणा की थी। पार्टी ने मतभेद सुलझाने और राज्य की विधानसभा में बहुमत खोने की संभावना से सरकार को बचाने के लिए हाल ही में माकन को पर्यवेक्षक के तौर पर राजस्थान भेजा था। उनके साथ पार्टी नेता रणदीप सुरजेवाला को भी जयपुर भेजा गया था।
अजय माकन सरकार के बहुमत साबित करने के बाद ही वापस लौटे हैं। ऐसे में उन्हें राजस्थान कांग्रेस की हालत के बारे में पूरी जानकारी है। यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने किसी नए नेता को प्रभार सौंपने के बजाए अजय माकन को प्रभारी नियुक्त किया है। माकन संगठन में कई अहम पदों पर रहे हैं। वह एआईआइसीसी के अलावा दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं।