लॉकडाउन 2 तीन मई को खत्म हो रहा है और अब सबके मन में एक ही सवाल है कि क्या लॉकडाउन फिर बढ़ेगा? केंद्र सरकार के तहत काम कर रहे 11 विशेष समूह में भी सारी स्थितियों की लगातार समीक्षा कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार तीन मई के बाद विभिन्न राज्यों में अलग-अलग छूट का दायरा बढ़ाया जाएगा और कोरोना मुक्त क्षेत्रों में गतिविधियों को सीमाओं के भीतर सामान्य करने की कोशिश की जाएगी। कुछ क्षेत्रों को लॉकडाउन से मुक्त भी किया जा सकता है, लेकिन एक राज्य से दूसरे राज्य में मुक्त आवाजाही की संभावना नहीं है।
लॉकडाउन के दौरान लोगों को तमाम छूट देने के बीच सरकार ने तीन मई के बाद के लिए तैयारी शुरू कर दी है। देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या में हो रही बढ़ोतरी के चलते इसे पूरी तरह हटाए जाने की संभावना कम है। हालांकि, इसके स्वरूप में बदलाव करने व कुछ क्षेत्रों में छूट देने की संभावना है। शनिवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने विभिन्न राज्यों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े प्रमुख अधिकारियों के साथ मौजूदा हालात की समीक्षा की है।
केंद्र सरकार में विभिन्न स्तरों पर हो रही लगातार समीक्षा में लॉकडाउन को और आगे बढ़ाने के बारे में विचार हो रहा है। अब तक किसी राज्य सरकार ने भी लॉकडाउन समाप्त करने की बात नहीं कही है। बल्कि कुछ राज्यों ने तो तीन मई के बाद भी कुछ समय के लिए प्रतिबंध जारी रखने के निर्देश दिए हैं। हालात को नियंत्रण में रखने के लिए गृह मंत्रालय लगातार रियायतों की घोषणा कर रहा है जिससे आम आदमी की दिक्कत कम होने की संभावना है। छोटे स्तर पर ही सही आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत होने से मजदूरों को कुछ राहत मिल सकती है। विभिन्न क्षेत्रों में दुकानों को खोलने से लोगों की दिक्कतें कम होंगी।
संक्रमितों की संख्या पर नजर
सूत्रों के अनुसार विभिन्न एजेंसियों का मानना है कि जब तक संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आना शुरू नहीं होगी, उसके पहले लॉकडाउन समाप्त करने से ज्यादा खतरे हैं। ऐसे में राज्य और केंद्र मिलकर इसे कुछ और अवधि के लिए बढ़ा सकते हैं। 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री के विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ होने वाले संवाद में राज्य आर्थिक मदद, प्रवासी मजदूरों की समस्या और कुछ स्थानों पर छूट खासकर कोरोना मुक्त जिलों में गतिविधियां शुरू करने कि मुद्दे उठा सकते हैं। अधिकांश राज्य अभी इसे पूरी तरह समाप्त करने के पक्ष में नहीं है।