भारत सरकार द्वारा शिक्षा नीति में किए गए परिवर्तन की आलोचना-अनुपम मिश्र

अनुपम मिश्र ने भारत सरकार द्वारा शिक्षा नीति में किए गए आमूल चूल परिवर्तन की आलोचना करते हुए कहा कि यह एक बहुप्रतीक्षित क़दम था जो काफ़ी विलंब से उठाया गया जबकि शिक्षा राष्ट्र निर्माण एवं उत्थान का सशक्त माध्यम है ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बताए गए ५ स्तम्भों में आधार स्तंभ तो है ही नहीं इसलिए यह बदलाव अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगा और जिस परिणामोन्मुखी स्वरूप की कल्पना की जा रही है वह अपने प्रभावी स्वरूप में नहीं आ सकेगी।
क्योंकि ५ स्तम्भों (access,equity,accountability,quality and affordability) में Uniformity रूपी आधार स्तंभ ही ग़ायब है ।
कैसी विडंबना है कि देश में एक संविधान, एक निशान की वकालत करने वाले लोग ही एक समान शिक्षा नीति (uniform education policy)को लागू करना भूल गए जबकि भारत जैसे विशाल विविधता वाले देश में इसकी सर्वाधिक आवश्यकता है कि सभी छात्रों को एक समान शिक्षा पाने का अधिकार हो ।एक बोर्ड एक पाठ्यक्रम हो फिर चाहे प्रधानमंत्री का बेटा हो या संतरी का बेटा हो।सभी को एक जैसी शिक्षा मिलनी चाहिए,एक जैसा पाठ्यक्रम और एक जैसा शिक्षण संस्थान होना चाहिए ।
यह भारत के भविष्य के लिए एक दूरगामी कदम होता और ना तो कोई भेदभाव होता ना किसी आरक्षण की आवश्यकता होती ।
दुख की बात यह है कि हर सुधार में राजनीति और वोट बैंक को द्रष्टिगत रखा जाता है ।
अनुपम मिश्र
राष्ट्रीय सचिव

(राष्ट्रीय लोकदल)
9415150000

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