चाहे जिंदगी भर फरारी करनी पड़े या चाहे जीवन भर जेल काटूंगा लेकिन बहुत बड़ा कांड करूंगा। जी हां, ये बात विकास दुबे ने फोन पर चौबेपुर थाने के एक सिपाही से की थी। अब इसका ऑडियो वायरल हो रहा है। यह बातचीत विकास दुबे के ऊपर मुकदमा लिखवाने से पहले का है। इस ऑडियाे के वायरल होने से यह स्पष्ट हो गया है कि विकास दुबे ने पहले से ही पुलिस वालों को मारने की प्लानिंग तय कर रखी थी।
विकास दुबे और चौबेपुर थाने के सिपाही राजीव चौधरी के बीच बातचीत का एक ऑडियो सामने आया है। इस ऑडियो टेप के सामने आने से साफ हो गया है कि थाने से ही मुखबिरी हुई थी। कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे को पहले ही पता चल गया था कि उसके खिलाफ मुकदमा लिखा जा रहा है। मुकदमा लिखे जाने से बौखलाए विकास दुबे ने पुलिस को धमकी दी थी। विकास ने कहा था कि ऐसा कांड करूंगा कि सब याद रखेंगे। चाहे पूरा जीवन फरारी काटनी पड़े। पुलिस ने अगर विकास दुबे के फोन को गंभीरता से लिया होता तो ये वारदात टाली जा सकती थी। इससे न तो 8 पुलिसकर्मी शहीद होते और न ही कोई घायल होता।
हालांकि चौबेपुर थाने एसओ विनय तिवारी को विकास तिवारी से दोस्ती के इन्हीं सब आरोपों के कारण पहने सस्पेंड किया गया फिर गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। विनय पर ही आरोप है कि उसने ही मुखबिरी की थी कि पुलिस विकास को पकड़ने आने वाली है। इसके बाद विकास ने अपने साथियों को जुटा लिया। रात तक जब पुलिस पहुंची तो घेर पर उस पर हमला किया गया। जिसमें आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। इस घटना के बाद विकास मोस्ट वांटेंड अपराधी बन गया। यूपी पुलिस ने उस पर 5 लाख का ईनाम रखा था। यूपी पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई। वह मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर में पकड़ा गया। इसके बाद उसे कानपुर लाते समय कार पलट गई और पुलिस के मुताबिक विकास ने पुलिस की बंदूक छीनकर भागने की कोशिश की। इस दौरान उसने पुलिस पर फायरिंग भी की। जवाबी कार्रवाई में वह मारा गया।
ये हैं विकास के साथी:
बिकरू गांव आठ पुलिस कर्मियों की हत्या के बाद एफआईआर में विकास दुबे के अलावा अमर दुबे, अतुल दुबे, प्रेम कुमार, प्रभात मिश्रा, बउवा, हीरू, शिवम, जिलेदार, राम सिंह, उमेश चन्द्र, गोपाल सैनी, अखिलेश मिश्रा, विपुल, श्यामू बाजपेई, राजेन्द्र मिश्रा, बाल गोविंद, दयाशंकर अग्निहोत्री शामिल थे। जिसमें अब तक पुलिस विकास दुबे, अमर, अतुल, प्रेम कुमार, प्रभात और बउआ को मुठभेड़ में मार गिराया है। जो बचे हुए अपराधी है उनकी तलाश में एसटीएफ ने बीते दिनों कानपुर देहात, औरैया और झांसी में एक साथ दबिश ऑपरेशन चलाया था। जिसमें एक दर्जन लोगों को उठाकर पूछताछ की मगर उनसे कुछ नहीं मिला। सात लोगों को फिलहाल छोड़ दिया गया है।