नोटिस भेजकर स्वास्थ्य कर्मी को नौकरी से निकाला

हरियाणा में कोविड-19 महामारी के बीच सरकारी विभागों से अनुबंधित कर्मचारियों को नौकरी से हटाए जाने की कड़ी में एक मामला ऐसा सामने आया है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक कर्मचारी को रात के 11 बजे घर पर बर्खास्तगी का नोटिस भेजकर सेवामुक्त कर दिया गया।

अखिल भारतीय राज्य कर्मचारी परिसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमएल सहगल, हरियाणा कर्मचारी महासंघ के जिला सचिव देशराज वमार् व रोडवेज कर्मचारी यूनियन के जिला प्रधान राजपाल नैन ने गुरुवार को यहां जारी एक संयुक्त बयान में यह मामला उठाया है। उन्होंने बताया कि हिसार के नागरिक अस्पताल में नशा मुक्ति एवं एड्स कंट्रोल सोसायटी अधीन काउंसलर के पद पर जनवरी 2014 से कार्यरत कर्मचारी को पहली जुलाई 2020 को रात 11 बजे घर पर सेवा से बर्खास्तगी का नोटिस भेजकर सेवामुक्त कर दिया गया।

कर्मचारी संगठनों के नेताओं के अनुसार सिविल सर्जन ने इस तरह अनुसूचित जाति से संबंधित न्यूनतम पे पैकेट अधीन कार्यरत मुकेश डाबला का रोजगार छीना गया है। सहगल ने बताया कि सिविल सर्जन द्वारा जारी नियुक्ति पत्र की धारा-2 के तहत प्रावधान है कि कर्मचारी को सेवा से बर्खास्त करने के लिए एक माह का नोटिस अथवा एक माह का वेतन देय है, लेकिन पीड़ित कर्मचारी को कोई नोटिस अथवा वेतन लाभ नहीं दिया गया।

उन्होंने दावा किया कि उक्त कर्मचारी को छह वर्ष के कार्यकाल के दौरान कार्य में किसी प्रकार की त्रुटि के लिए कभी कोई चेतावनी अथवा चार्जशीट नहीं दी गई बल्कि तीन वर्ष कार्य की प्रशंसा को लेकर प्रोजेक्ट डायरेक्टर की तरफ से प्रशंसा पत्र दिए गए हैं।

सहगल ने संगठन की तरफ से सिविल सर्जन को नोटिस भेजकर चेतावनी दी है कि यदि डाबला को तुरंत प्रभाव से बहाल नहीं किया गया तो महासंघ अदालत में जाएगा। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *