विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने भगवान श्रीराम और भगवान पशुपति नाथ को भारत एवं नेपाल के हिन्दू समाज के बीच अटूट धार्मिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्धों का ”आधार” बताते हुए मंगलवार (14 जुलाई) को दावा किया कि भगवान राम को लेकर नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली का बयान ”संभवतः किसी विदेशी ताकत के दबाव का नतीजा है।”
कुमार ने एक बयान में कहा, ”श्रीराम जन्मभूमि के सम्बन्ध में धर्म-ग्रंथों, परम्परा, जनश्रुति व इतिहास में एकमत से वर्णन है कि वर्तमान अयोध्या ही भगवान श्रीराम की जन्मभूमि है और इस सम्बन्ध में कही कोई भी दूसरा मत कभी व्यक्त नही किया गया। हर वर्ष श्रीराम की बारात अयोध्या से नेपाल के जनकपुरी में जाती है। इस सम्बन्ध में भ्रम फैलाना संभव ही नही है।”
विहिप नेता ने कहा कि भगवान श्रीराम और भगवान पशुपति नाथ भारत एवं नेपाल के हिन्दू समाज के बीच अटूट धार्मिक, आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक सम्बन्धों का आधार हैं। उन्होंने दावा किया, ”श्रीराम और अयोध्या के सम्बन्ध में नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का बयान संभवतः किसी विदेशी ताकत के दबाव में भारत और नेपाल के धर्मनिष्ठ हिन्दू समाज के अटूट सम्बन्धों को तोड़ने का एक असफल प्रयास भर है।” कुमार ने कहा कि उनके (ओली) बयान पर उनके अतिरिक्त शायद कोई भी अन्य व्यक्ति विश्वास नहीं करेगा।
उल्लेखनीय है कि नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने एक नया विवाद खड़ा करते हुए सोमवार (13 जुलाई) को दावा किया कि “वास्तविक” अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं। उन्होंने कहा कि भगवान राम का जन्म दक्षिणी नेपाल के थोरी में हुआ था। ओली ने दावा किया कि चूंकि दशरथ नेपाल के राजा थे यह स्वाभाविक है कि उनके पुत्र का जन्म नेपाल में हुआ था इसलिए अयोध्या नेपाल में है।