पश्चिम बंगाल में उस वक्त हड़कंप मच गया जब भारतीय जनता पार्टी के विधायक देवेन्द्र नाथ रॉय की सोमवार सुबह उत्तर बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में उनके घर के पास शव एक दुकान की बालटकनी में लटका हुआ मिला। पुलिस ने बताया कि देवेन्द्र नाथ के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
रायगंज के एसपी सुमित कुमार ने कहा, “आज हेमताबाद के विधायक देबेन्द्र नाथ रॉय का शव उत्तर दिनाजपुर के बलिया में लटका हुआ मिला। उनकी जेब से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें मौत के लिए तीन लोगों को कसूरवार ठहराया गया है। इस बारे में विस्तृत जांच की जा रही है।”
बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने विधायक के शव मिलने पर कहा, ‘हम हेमाबाद के भाजपा विधायक देबेंद्र नाथ रे की हत्या की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। तृणमूल कांग्रेस इस हत्या के पीछे है और उसने इसे आत्महत्या जैसा बना दिया है। मैं पश्चिम बंगाल के सीएम से अनुरोध करता हूं कि हत्या के पीछे की सच्चाई का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच का आदेश दें।’
रे ने हेमताबाद की अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से माकपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी, लेकिन पिछले साल लोकसभा चुनाव के बाद वह भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि उन्होंने माकपा से विधायक के तौर पर इस्तीफा नहीं दिया था।
देवेंद्र नाथ रॉय 2016 में सीपीआईएम के टिकट पर उत्तर दिनाजपुर जिले के हेमटाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे, लेकिन बाद में वे 2019 में बीजेपी में शामिल हो गए। इससे पहले, देबेन्द्र नाथ रॉय के परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया है। साथ ही बीजेपी नेता राहुल सिन्हा ने टीएमसी पर हत्या का आरोप लगाते हुए सीएम ममता बनर्जी से इसकी सीबीआई जांच की मांग की।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ” यह निंदनीय एवं कायरतापूर्ण कृत्य है, यह आज राज्य की स्थिति बन गई है। हेमताबाद विधायक दीबेन्द्र नाथ रे की हत्या की गई है। उनका शव लटका मिला। क्या भाजपा में शामिल होना उनका अपराध था?
वहीं तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं जिला अध्यक्ष कनाईलाल अग्रवाल ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस रे की मौत के कारणों का पता लगाएगी। अग्रवाल ने कहा, ” पुलिस ही उनकी (रे की) मौत के कारण का पता लगाएगी। उन्होंने आत्महत्या की या कोई और वजह है….इसे कानून तय करेगा। मैं इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता।