कोरोना वायरस के कारण लगी पाबंदियों के चलते दक्षिण अफ्रीका में फंसे करीब 1,500 भारतीयों को रविवार को वापस लाया जाएगा। भारतीयों की वतन वापसी की व्यवस्था इंडिया क्लब नाम के समूह ने की है। इससे पहले भी समूह की ओर से भारतीयों को वापस लाने के लिए एक उड़ान की व्यवस्था की गई थी।
कोविड-19 महामारी के कारण यहां कई व्यवसायों ने अपना कामकाज कम कर दिया जिसके चलते स्थानीय कंपनियों के साथ जुड़े कई भारतीयों के अनुबंध समयपूर्व खत्म हो गए। बेंगलुरु के ऐसे 50 से अधिक आईटी पेशेवर दक्षिण अफ्रीका में फंसे थे। वे भी इस उड़ान से लौटने वाले यात्रियों में शामिल हैं।
इन यात्रियों में दक्षिण अफ्रीका के 14 नागरिक भी शामिल हैं जो अवकाश पर घर आए हुए थे और भारतीय खदानों में अपने काम पर लौट रहे हैं। भारत सरकार की तीन वंदे भारत उड़ानों के जरिए हजारों भारतीयों को दक्षिण अफ्रीका से वापस लाया जा चुका है।
इधर भारत में कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या 8 लाख के बेहद करीब पहुंच गई है। इस बीच सरकार ने कहा है कि वह इस संख्या को लेकर चिंता में नहीं है। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को कहा कि देश में करोना रिकवरी दर अधिक है और मृत्यु दर बेहद कम इसलिए केसों की संख्या से चिंता नहीं है। उन्होंने फिर दोहराया कि देश में अभी कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा, ”कोविड-19 के मरीजों की रिकवरी दर 63 फीसदी है और मृत्यु दर महज 2.72 फीसदी। हम केसों की संख्या को लेकर चिंतित नहीं हैं। हम टेस्टिंग बढ़ा रहे हैं ताकि अधिकतर केसों को पहचान हो सके और उनका इलाज हो सके। करीब 2.7 लाख टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं।”