हरियाणा में 2020 के शुरुआती छह महीनों में पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में अपराध दर में कमी आई है। पुलिस कोरोना वायरस के कारण लगाए गए लॉकडाउन को इसकी आंशिक वजह मान रही है।
पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज यादव ने गुरुवार को कहा कि इस साल जनवरी से जून के बीच भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत 49,978 मामले दर्ज किए जबकि 2019 में इस अवधि में 51,928 मामले दर्ज किए गए थे। लिहाजा अपराध दर में 3.75 फीसदी की कमी आई है।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष की पहली छमाही में ज्यादा गश्त और निगरानी ने अपराध दर को नीचे लाने में मदद की। यादव ने कहा कि कोविड-19 के कारण लागू लॉकडाउन के संबंध में पुलिस की ज्यादा मौजूदगी और जांच ने भी इसमें योगदान दिया।
डीजीपी ने बताया कि हत्या के मामलों में करीब 17.28 फीसदी की कमी आई है। इस साल जनवरी से जून के बीच हत्या के 488 मामले दर्ज किए गए, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में 590 मामले दर्ज किए गए थे।
उन्होंने कहा कि हत्या की कोशिश के मामलों में भी कमी आई है। यह पिछले साल इसी अवधि में 467 थे जो इस वर्ष के छह महीनों में 449 रहे। उन्होंने बताया कि इस के साल के छह महीनों के दौरान सेंधमारी की घटनाओं में पिछले साल की तुलना में 9.67 प्रतिशत की कमी आई है।
डीजीपी ने कहा कि चोरी के मामलों में पिछले साल के शुरुआती छह महीनों की तुलना में 31.12 प्रतिशत की कमी आई है। यादव ने बताया कि आईपीसी की धारा 188 (लोक सेवक के आदेश की अवहेलना करना) के तहत दर्ज मामलों में खासी बढ़ोतरी हुई है। साल 2019 में जहां 98 मामले दर्ज किए गए थे। वहीं 2020 में 4,189 मामले दर्ज किए गए हैं, क्योंकि लॉकडाउन का उल्लंघन करने के आरोप में लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।