पड़ोसी देश के साथ भारत के रिश्तों में खटास के बीच भारत-नेपाल संयुक्त फील्ड सर्वे दल ने सीमा विवाद सुलझाने के लिए जमीन को मापने का काम शुरू कर दिया है। इसी कड़ी में भारत-नेपाल सीमा पर बिहार के ईस्ट चंपारण जिले के ढाका ब्लॉक में मापी शुरू की गई है।
अधिकारियों के मुताबिक, देहरादून के 2 सदस्यीय लैंड सर्वे टीम नेपाल के अपने समकक्षीय के साथ जिले के सिकरहना सब-डिविजन के ढाका ब्लॉक के अंदर आने वाले बलुआ गुआबरी पंचायत के बलुआ गांव में जमीन की मापी गुरुवार से शुरू की है।
ईस्ट चंपारण के जिला कलेक्टर कपिल अशोक ने कहा, “दोनों देशों की सर्वे टीम को लगाया गया है, जिन्होंने पिछले दो दिनों में गुरुवार और शुक्रवार को सर्वे किया। संबंधित विभागों को रिपोर्ट सौंपने के बाद ही चीजें स्पष्ट हो पाएंगी।”
यहां पर अधिकारी यह उम्मीद कर रहे हैं कि अंतिम रिपोर्ट 9 से 10 दिन में आ जाएगी। ऐसा कदम तब उठाया गया जब पिछले महीने ईस्ट चंपारण के ढाका ब्लॉक में लाल बकेया नदी के बांध पर काम चल रहा था। उस समय नेपाल के अथॉरिटीज की तरफ से यह दावा किया गया कि उसका कुछ हिस्सा उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। इसके बाद ईस्ट चंपारण के जिला मजिस्ट्रेट ने जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने विवाद सुलझाने के लिए मदद मांगी थी।
परिणामस्वरूप, लाल बकेया नदी पर करीब 400 मीटर का काम पिलर नंबर 346/5 से लेकर 346/7 तक पर काम रोक दिया गया है। ड्रेनेज डिविजन के एक इंजीनियर बब्बन सिंह ने कहा, दोनों सर्वे दलों ने कई जगहों पर सीमांकन कर दिया है। लेकिन, अंतिम रिपोर्ट आने तक इस पर किसी तरह कि टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी। स्थानीय लोगों ने 14 जगहों पर डिमार्केशन किया है।