बिहार विधानसभा चुनाव: वर्चुअल जनसंवाद में राजद ने बनाई दूरी

कोरोना संकट ने इस बार सियासी जंग का चरित्र भी बदल दिया है। अब तक के चुनावों में प्रचार के लिए जहां बड़ी-बड़ी सभाएं, रैलियां,  रोड शो, नुक्कड़ सभा जैसे परम्परागत तरीके अपनाए जाते थे, वे इस बार देखने को नहीं मिलेंगे। इनकी जगह सब कुछ वर्चुअल होगा। वर्चुअल रैलियां, सम्मेलन व सभाएं आदि होंगी। कोरोना काल में आमने-सामने मुखातिब होने का दौर खत्म होगा। अब न तो लोग अपने नेता को सामने से देख पाएंगे और न ही नेता जनता से रूबरू हो पाएंगे। 

‘हिन्दुस्तान’ ने इसकी पड़ताल की कि आखिर बिहार में सियासी जंग के इस नए अवतार की तैयारी किस राजनीतिक दल ने कैसे की है। भाजपा ने जहां बिहार के लिए अपने पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष गृह मंत्री अमित शाह की वर्चुअल रैली से इसका आगाज कर दिया है, वहीं जदयू भी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वर्चुअल सभा कराने की तैयारी में है। इससे पहले भी मुख्यमंत्री जदयू कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद कर चुके हैं। लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान भी कार्यकर्ताओं से वर्चुअल संवाद कर चुके हैं। हालांकि राजद वर्चुअल रैली या संवाद का विरोध कर रहा है, पर इसके नेता तेजस्वी  यादव एक-दो वर्चुअल संवाद किए हैं। आइए देखते हैं कि इस बार वर्चुअल सियासी जंग की किसकी क्या है तैयारी?  

नीतीश करेंगे वर्चुअल आमसभा
कोरोना संकट के बीच आसन्न बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सत्ताधारी दल जदयू ने जमीनी स्तर तक सोशल मीडिया के माध्यम से अपने नेताओं की एक मजबूत चेन तैयार की है। यह चेन वाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर के साथ जदयू के सोशल मीडिया पेज के सहारे तैयार की गयी है। पार्टी के एक शीर्ष नेता की मानें तो जल्द ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक राज्यव्यापी वर्चुअल रैली होगी। इसके जरिए मुख्यमंत्री बिहार की आम जनता को संबोधित करेंगे। पार्टी इस वर्चुअल रैली की तैयारी में जुट गयी है। जल्द ही इस आमसभा की तारीख तय होगी। इसके साथ ही जदयू ने प्रदेश, जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर के नेताओं का वाट्सएप ग्रुप तैयार कर लिया है। शीघ्र ही बूथस्तर के कार्यकर्ताओं का भी वाट्सएप ग्रुप एक्टिव हो जाएगा, ताकि मुख्यमंत्री और दल के नेता नीतीश कुमार का कोई भी संदेश मिनटों में पार्टी के हर स्तर के नेता-कार्यकर्ताओं तक पहुंचाया जा सके। 

कोरोना काल में बदली जीवनशैली को लोजपा ने अपनी कार्यसंस्कृति में ढाल लिया है। पार्टी सुप्रीमो और युवा नेता चिराग पासवान ने कोरोना काल में जनता और कार्यकर्ताओं से संवाद का माध्यम वर्चुअल को ही चुना। मोबाइल एप और फेसबुक, ट्विटर के माध्यम से चिराग पासवान अब तक आधा दर्जन से अधिक बैठकें कर चुके हैं। पार्टी के प्रदेश से लेकर बूथ स्तरीय नेताओं से सम्पर्क कर वे लगातार चुनावी तैयारी करने में जुटे हैं। साथ ही क्षेत्र का हाल हो या केंद्र व राज्य सरकार की ओर से की जा रही गतिविधियों से लोगों को मिल रहे लाभ की जानकारी लेना, वे डिजिटल माध्यम से ही लोगों से बातचीत कर रहे हैं।  

बिहार की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद अब भी वर्चुअल रैली या जनसंवाद के विरोध में है। बीते दिनों चुनाव आयोग में विधिवत ज्ञापन देकर पार्टी ने इस तरह के कार्यक्रमों का विरोध किया था। यही कारण है कि पार्टी की ओर से अब तक कोई वर्चुअल रैली या जनसंवाद का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है। पार्टी का कहना है कि ऐसे आयोजनों में काफी खर्च होता है। राजद का आरोप है कि सत्ताधारी दलों को कई जगहों से पैसा मिल रहा है। इसलिए वे इस तरह के खर्चीले आयोजन कर सकते हैं। हालांकि पार्टी नेता यह भी कहते हैं कि फेसबुक व ट्विटर पर राजद के सबसे अधिक फॉलोअर हैं। वैसे नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव भी कार्यकर्ताओं से एक-दो वर्चुअल संवाद कर चुके हैं। 

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