हरियाणा के रोहतक शहर की जमीन के नीचे धरती अशांत है। यहां जून में ही 11 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए। दिल्ली के बेहद नजदीक लगातार आ रहे भूकंप के इन झटकों से विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र यहां की भूगर्भीय हलचलों पर विशेष नजर रखे हुए हैं।
यूं तो बीते तीन महीने से लोग कोविड-19 महामारी को लेकर खौफजदा हैं। लेकिन, इस दौरान दिल्ली-एनसीआर को लगातार भूकंप के झटके महसूस करने पड़े हैं। खासतौर पर रोहतक के आसपास की धरती के अंदर खासी हलचल हो रही हैं। पिछले तीन महीनों के दौरान यहां पर 15 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। रिएक्टर पैमाने पर इनकी तीव्रता 1.8 से 4.5 तक रही है। तीव्रता कम होने से भूकंप के झटकों से हालांकि खास नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन एक ही जगह के आसपास इतनी कम समयावधि में इतने झटकों को लेकर चिंता जताई जा रही है। यहां आए भूकंप के कुछ झटकों की तीव्रता इतनी थी कि उसे दिल्ली तक महसूस किया गया।
राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र के आंकड़े बताते हैं कि बीते तीन महीनों के दौरान 29 मई की रात को भूकंप की तीव्रता सबसे अधिक रही थी। रात के नौ बजकर आठ मिनट पर 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके झटके दिल्ली में भी महसूस किए गए थे। इससे पहले 21 अप्रैल को भी 3.2 तीव्रता के झटके महसूस किए गए थे।
जून में रोहतक के आसपास 11 बार झटके महसूस किए गए। सबका केन्द्र रोहतक शहर के आसपास मौजूद था। कई बार यह धरती के नीचे पांच से नौ किलोमीटर तक की दूरी पर मौजूद रहा। जून में आए भूकंपों में एक जून को आए भूकंप की तीव्रता सबसे ज्यादा रही। इस दिन शाम के छह बजकर 18 मिनट पर 3.0 तीव्रता का भूकंप आया था।
दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र को भूकंप के लिहाज से संवेदनशील हिस्सों में शामिल किया जाता है। इस पूरे क्षेत्र से यूं तो पांच भूगर्भीय दरारें या फाल्ट लाइन गुजरती हैं। लेकिन, इनमें से देहरादून-महेन्द्रगढ़ फॉल्ट लाइन इन दिनों सबसे ज्यादा अशांत है। इसी लाइन पर सबसे ज्यादा भूकंप दर्ज किए जा रहे हैं। इसी फॉल्ट लाइन पर रोहतक स्थित है।
रोहतक व आसपास के क्षेत्र में लगातार आ रहे भूकंप पर राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र की नजर है। हम लगातार अध्ययन और विश्लेषण कर रहे हैं। यहां की भूगर्भीय हलचलों पर गहराई से नजर रखने के लिए ज्यादा उपकरण भी लगाए गए हैं। –जे एल गौतम, वरिष्ठ वैज्ञानिक व प्रमुख (आपरेशंस), राष्ट्रीय भूकंप केन्द्र