आंध्र प्रदेश में एक खौफनाक वाकया सामने आया है। यहां के नेल्लोर टाउन में मंगलवार को शारीरिक तौर पर अक्षम एक महिलाकर्मी के साथ आंध्र प्रदेश टूरिज्म डिपार्टमेंट ऑफिस परिसर में टूरिज्म डिप्टी मैनेजर ने बदसलूकी की और बाल पकड़कर कर घसीटते हुए डंडे से जमकर पिटाई की। यह पूरी घटना वहां पर लगे कैमरे में कैद हो गई। अधिकारी को बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
टूरिज्म अधिकारियों के मुताबिक, पीड़िता की पहचान सीएच ऊषा रानी के तौर पर हुई है, जो सीनियर असिस्टेंट है और डिप्टी मैनेजर सी. भास्कर से प्रोटोकॉल के मुताबिक मास्क पहनने के लिए कह रही थी। जब डिप्टी मैनेजर को यह बात अखड़ी कि कैसे उसे कोई जूनियर अधिकारी यह बात कह सकता है तो इसके बाद गुस्साए भास्कर ने ऊषा को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया। वीडियो में यह साफतौर पर दिख रहा है कि वह महिला का बाल पकड़कर फ्लोर पर घसीट रहा है और डंडे से उसकी जमकर पिटाई कर रहा है, जिसमें वह गंभीर रुप से घायल हो जाती है। यह फुटेज सोशल मीडिया पर आ गई और इस मैनेजर की काफी आलोजना की जा रही है।
ऊषा ने नेल्लोर पुलिस थाने में अपने खिलाफ मारपीट का केस दर्ज कराया है। दूसरी तरफ आंध्र प्रदेश टूरिज्म डिपार्टमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर प्रवीण कुमार ने भास्कर को फौरन सस्पेंड कर दिया और उसके खिलाफ जांच समिति बना दी है ताकि अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सके। पुलिस ने मंगलवार को यहां बताया कि इसी बात से नाराज भास्कर ने उसे डंडे से पीट-पीटकर बुरी तरह घायल कर दिया। अन्य कर्मचारियाों ने उन्हें रोकने की कोशिश की लेकिन उन्होंने किसी की नहीं सुनी।
यह घटना 27 जून को हुई और महिला ने 29 जून को उच्च अधिकारियों एवं पुलिस से शिकायत की। निगम के प्रबंध निदेशक प्रवीण कुमार ने अनुशासनात्मक कार्रवाई लंबित रहने तक भास्कर को निलंबित कर दिया। पुलिस महानिदेशक डी जी सावंग ने एसपीएस नेल्लोर के जिला पुलिस अधीक्षक को इस मामले की जांच करने और एक सप्ताह के अंदर आरोपपत्र दायर करने का निर्देश दिया।
इस बीच, नयी दिल्ली से प्राप्त समाचार के अनुसार राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने आंध्रप्रदेश पुलिस से इस मामले में कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। राज्य के पुलिस महानिदेशक डी जी सावंग को भेजे पत्र में आयोग ने कहा कि उसने ट्विटर पर सीसीटीवी फुटेज देखा जहां एक दिव्यांग महिला की निर्मम पिटाई की जा रही है।
एनसीडब्ल्यू ने पत्र में लिखा, ” ऐसे समय जब भारत सरकार उच्चतम स्तर पर दिव्यांगों को शामिल करने की जरूरत पर बल दे रही है तब, आयोग एक ऐसे व्यक्ति द्वारा एक दिव्यांग महिला पर किये गये अत्याचार की घटना से विचलित और स्तब्ध है जो जिम्मेदार पद पर है। उसने लिखा कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए आयोग आपसे से यथाशीघ्र कार्रवाई रिपोर्ट भेजने का अनुरोध करता है।