दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों को अब पांच दिन के लिए क्वारंटाइन केंद्र नहीं जाना होगा, लेकिन सभी मरीजों को एक बार जांच के लिए क्वारंटाइन केंद्र जाना होगा। एलजी के आदेश के बाद सभी को क्वारंटाइन केंद्र तक लाना बड़ी चुनौती होगी। अभी तक सरकार के पास इसे लेकर कोई योजना नहीं है। स्वास्थ्य विभाग के पास मरीजों की संख्या को देखते हुए संसाधन बहुत कम हैं।
हजारों मरीजों के लिए समस्या:कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए नए आदेश से अफरातफरी का माहौल बनेगा। पांच दिन के संस्थागत क्वारंटाइन को तो निरस्त कर दिया, लेकिन सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को कोरोना केयर सेंटर जांच के लिए लाना अनिवार्य कर दिया है। इससे सबसे बड़ी समस्या यह खड़ी हो गई है कि होम क्वारंटाइन में रह रहे हजारों कोरोना मरीज को कोरोना केयर सेंटर कौन लेकर जाएगा?
दिल्ली में सरकारी एंबुलेंस और एंबुलेंस सेवा में लगी निजी कैब को मिलाकर लगभग 465 एंबुलेंस वाहन हैं। दिल्ली में मेडिकल स्टाफ और एंबुलेंस की संख्या इतनी नहीं कि वह सभी कोरोना पॉजिटिव मरीजों को कोरोना केयर सेंटर ले जा सकें।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में कोरोना संक्रमण से पीड़ित के मरीजों का आंकड़ा 50 हजार को पार कर गया है। अधिकारियों का कहना है कि अगर कोरोना पॉजिटिव मरीज अपने परिवार के साथ अपनी गाड़ी या टैक्सी में जाता है तो इससे अन्य लोगों और परिवार के सदस्यों के संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा। इसे देखते हुए भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी परेशान हैं।