पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद अमेरिका ने ड्रैगन पर जमकर निशाना साधा है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा है कि चीन अपने पड़ोसियों के साथ धूर्त रवैया अपना रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने डेनमार्क के कोपेनहेगन में आयोजित लोकतंत्र पर आयोजित एक ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (चीनी सेना) ने दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत के साथ सीमा पर तनाव पैदा कर दिया है।’ अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि इसके अलावा चीनी सेना चीन सागर में सैन्यीकरण और वहां के ज्यादा क्षेत्र पर अवैध रूप से कब्जे का दावा कर रहा है।
सवालों के जवाब के दौरान पोम्पिओ ने कहा कि दुनिया के लोकतांत्रिक और स्वतंत्रता-प्रेमी लोगों को चीन से निपटने के लिए एक साथ आने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘ शी जिनपिंग ने चीनी मुस्लिमों के खिलाफ मानवाधिकारों का उल्लंघन करते हुए एक क्रूर अभियान को हरी झंडी दी हुई है। ऐसा द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कभी नहीं देखा गया था। अब, पीएलए ने भारत के साथ सीमा तनाव बढ़ा दिया है।’
अमेरिकी विदेश मंत्री पोम्पिओ का यह बयान तब आया है, जब हाल ही में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। इस घटना में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि कई चीनी सैनिकों के भी मारे जाने की खबर है।
चीन पर निशाना साधते हुए पोम्पिओ ने कहा कि चीन अमेरिका और यूरोप के बीच एक अभियान को चलाने के लिए गलत जानकारी और साइबर अभियानों को चलाने के लिए जिम्मेदार था। उन्होंने दावा किया कि चीन ने कोरोना वायरस को लेकर झूठ बोला, जिसमें उनकी मदद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की। उन्होंने कहा कि वायरस के चलते हजारों लोगों की मौत हुई और अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का लगा, लेकिन चीन ने जानकारी देने से इनकार करते हुए किसी और देश के वैज्ञानिकों को जांच करने की इजाजत नहीं दी।