पड़ोसी राज्यों से धड़ल्ले से हो रही है डीजल की स्मगलिंग

दिल्ली और राजस्थान की तुलना में उत्तर, प्रदेश, हरियाणा और पंजाब में डीजल सस्ता होने की वजह से अब इसकी स्मगलिंग की जाने लगी है। दिल्ली-राजस्थान की तुलना में डीजल  7 रुपये सस्ता पड़ रहा है। तेल विपणन कंपनियों और पेट्रोलियम डीलरों के अधिकारियों के मुताबिक लंबा रूट तय करने वाले ट्रक ड्राइवर दिल्ली और हरियाणा में डीजल नहीं खरीदकर हर ट्रिप में करीब 5000 रुपये बचा रहे हैं। बता दें 8 जून को जयपुर (राजस्थान) में डीजल 71.54 रुपये प्रति लीटर, दिल्ली में 70.59 रुपये लीटर, गाजियाबाद (यूपी) में 64.89 रुपये लीटर, गुरुग्राम (हरियाणा) में 64.10 रुपये प्रति लीटर और मोहाली (पंजाब) में 63.10 रुपये था। 

देश भर में पेट्रोल और डीजल के वैसे तो रेट निर्धारित हैं और इन पर एक समान केंद्रीय उत्पाद शुल्क लगता है, लेकिन स्थानीय लेवी या मूल्य वर्धित कर (वैट) में व्यापक बदलाव के कारण उनकी कीमतें एक राज्य से दूसरे राज्य में अलग-अलग होती हैं। अपने पड़ोसी राज्यों की तुलना में दिल्ली और राजस्थान में डीजल-पेट्रोल में तेजी की वजह मूल्यवर्धित कर (वैट) बढ़ाया जाना है, जो कोरोना से तबाह हुए सरकारी खजाने को भरने के लिए बढ़ाया गया था। 

पेट्रोल पंप डीलरों ने बताया कि पड़ोसी राज्यों के सीमावर्ती शहरों में डीजल 5 से 7 रुपये प्रति लीटर सस्ता है। दिल्ली स्थित डीलर और दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन (DPDA) के पूर्व अध्यक्ष निश्चल सिंघानिया कहते हैं  दिल्ली में पंजीकृत एक डीजल से चलने वाली कार का टैंक यदि गुरुग्राम में फुल करा लिया जाए तो कम से कम 250 रुपये की बचत होती है और ऐसा करके लंबी दूरी के ट्रक आसानी से एक बार में 5,000 रुपये तक बचाते हैं।  

एम्पावर्डिंग पेट्रोलियम डीलर्स फाउंडेशन (ईपीडीएफ) के  सक्रिय मेरठ के हेमंत सिरोही ने कहा, “डीजल की तस्करी अब जोरों पर है। पंजाब से आने वाले डबल-टैंक ट्रक डीजल लाते हैं और इसे स्थानीय स्तर पर बेचते हैं। वे एक यात्रा में लगभग 2,500-3,000 बनाते हैं क्योंकि मूल्य अंतर बहुत अधिक है।” दिल्ली और पंजाब के मोहाली में डीजल के मूल्य में 7.49 रुपये लीटर का अंतर है। सिरोही कहते हैं कि यह डोर-टू-डोर ईंधन वितरण की नई पहल की आड़ में डीजल की अंतरराज्य तस्करी बड़े पैमाने पर तस्करी हो रही है। गुरुग्राम से जयपुर तक टैंकरों में डीजल ले जाया जा रहा है, क्योंकि कीमत अंतर 7.44 रुपये प्रति लीटर है।

दिल्ली और राजस्थान में वैट बहुत अधिक है। दिल्ली सरकार ने 5 मई को डीजल पर लगभग 16.75% से 30% तक वैट बढ़ा दिया था, जो 250 रुपये प्रति किलोलीटर एयर एंबिएंस शुल्क के अतिरिक्त होता है। राजस्थान में डीजल पर वैट 22% से बढ़ाकर 28% कर दिया गया। 

हरियाणा में डीजल पर राज्य-स्तरीय कर 16.4% या 9.20 रुपये प्रति लीटर है, जो भी अधिक हो इसके अलावा वैट पर 5% अतिरिक्त कर। पंजाब में 15.15% वैट प्लस वैट पर 10% अतिरिक्त कर, 1,050 रुपये प्रति किलोलीटर सेस और 10 पैसे प्रति लीटर शहरी परिवहन शुल्क है। उत्तर प्रदेश (यूपी) में डीजल पर वैट की दर 17.48% या 10.41 रुपये प्रति लीटर है।

तेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि सरकार को इस संबंध में कोई शिकायत नहीं मिली है। यह माना जाता है कि तेल विपणन कंपनियां इन गैरकानूनी घटनाओं पर पैनी नज़र रख रही हैं और उचित कार्रवाई कर रही हैं। वहीं तेल मंत्रालय के प्रवक्ता ने कोई टिप्पणी से इनकार कर दिया। राज्य द्वारा संचालित OMCs – इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने भी इस पर कोई बयान  नहीं दिया।

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