कोरोना वायरस कोविड-19 की वजह से उत्पन्न हालात का आकलन करने के लिए पश्चिम बंगाल का दौरा करने वाली अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीमों को लेकर ममता सरकार और मोदी सरकार के बीच तकरार खत्म हो गई है। पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने केंद्र को आश्वस्त किया है कि वह लॉकडाउन से संबंधित उसके सभी आदेशों का पालन करेगी और उसने राज्य में जमीनी हालात का आकलन करने के लिए आने वाली दो केंद्रीय टीमों को पूरा सहयोग देने का भी भरोसा दिलाया।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को लिखे पत्र में पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा ने कहा कि यह सच नहीं है कि राज्य सरकार ने दो अंतर मंत्रालयी केंद्रीय दलों (आईएमसीटी) को कोई सहयोग नहीं दिया। उन्होंने एक टीम के साथ दो बैठकें की थी और दूसरी के साथ संपर्क में थे। राज्य के मुख्य सचिव ने केंद्रीय गृह सचिव से कहा, ‘मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि माननीय उच्चतम न्यायालय के साथ-साथ आपदा प्रबंधन कानून के तहत जारी केंद्र सरकार के आदेशों को लागू किया जाएगा।’
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ममता ने लिखा था मोदी को पत्र
इससे पहले पश्चिम बंगाल भेजी गई अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) को राज्य प्रशासन ने पर्याप्त सहयोग नहीं दिया था। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस टीम को भेजने पर ही सवाल भी खड़े किए थे। ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस तरह की टीम भेजे जाने को गैर जरूरी करार दिया था। राज्य सरकार के रवैये के बाद केंद्रीय गृह सचिव ने राज्य के मुख्य सचिव का कड़ा पत्र लिखा था। पश्चिम बंगाल के लिए आईएमसीटी की टीम एक दिन पहले ही कोलकाता पहुंच गई थी, लेकिन उसे राज्य प्रशासन ने सहयोग नहीं किया, जिससे वह अपने क्षेत्रों में का दौरा नहीं कर सकी।
केंद्र के कड़े रुख के बाद कुछ जगह जाने दिया :
दो दिन तक टीम को पूरी तरह काम न करने देने के बाद टीम द्वारा गृह मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट के बाद केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को एक कड़ा पत्र लिखकर सहयोग देने के निर्देश दिए। इस पत्र में सुप्रीम कोर्ट के आदेश और राष्ट्रीय राष्ट्रीय आपदा को लेकर की सरकार के फैसले का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। सूत्रों के अनुसार इस पत्र के बाद मंगलवार शाम को टीम को राज्य प्रशासन ने कुछ जगह जाने दिया, जिसमें राज्य पुलिस और बीएसएफ ने इस टीम को सुरक्षा प्रदान की है।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व राजस्थान ने किया सहयोग :
केंद्र सरकार ने हॉटस्पॉट वाले राज्यों में स्थिति की भयावहता को देखते हुए आईएमसीटी की विशेष टीमों का गठन कर वहां के हालात का जायजा लेने भेजा है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और महाराष्ट्र में भी ऐसी टीमें भेजी गई हैं और वहां की राज्य सरकारों ने उनका पूरा सहयोग भी किया हुआ है, लेकिन पश्चिम बंगाल में स्थिति उल्टी नजर आई।
पहले भी रहा है टकराव :
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के साथ कई मुद्दों पर टकराव होता रहा है, लेकिन कोरोना संकट के समय टकराव प्रभावितों के लिए संकट खड़ा कर सकता है। पश्चिम बंगाल के पांच -छह जिले हॉट स्पॉट बने हुए है। ऐसे में केंद्र को आईएमसीटी की टीम यहां पर भी भेजने को मजबूर होना पड़ा है।