दिल्ली सरकार द्वारा गठित डॉक्टरों की पांच सदस्यीय कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजधानी की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं का इस्तेमाल केवल दिल्लीवालों के लिए किया जाना चाहिए। अगर बाहर के लोगों को इलाज की अनुमति दी जाएगी तो यहां के अस्पताल तीन दिनों के भीतर 100 प्रतिशत भर जाएंगे। दिल्ली सरकार के सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी।
जानकारी के अनुसार, राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच आम आदमी पार्टी (आप) की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर डॉ. महेश वर्मा की अध्यक्षता में डॉक्टरों की एक 5 सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी को राजधानी में कोविड अस्पतालों की तैयारी और स्थिति, चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता और दिल्ली के बाहर के रोगियों को चिकित्सा सहायता प्रदान करने पर एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया था। कमेटी 6 जून तक अपनी रिपोर्ट दिल्ली सरकार को सौंपनी थी।
दिल्ली सरकार ने कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं संबंधी ढांचे में वृद्धि करने और अस्पतालों की समग्र तैयारियों को और सुदृढ़ करने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। कमेटी बनाने का आदेश मंगलवार को जारी किया गया था।
आदेश में कहा गया था कि कमेटी कोविड-19 से निपटने के लिए स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार और अस्पतालों की समग्र तैयारी को मजबूत करने के लिए दिल्ली सरकार का मार्गदर्शन करेगी। महामारी को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के लिए कमेटी उन क्षेत्रों में भी सरकार का मार्गदर्शन करेगी, जिसमें इसके लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की आवश्यकता है।
कमेटी के सदस्यों में आईपी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महेश वर्मा, जीटीबी अस्पताल के चिकित्सा निदेशक डॉ. सुनील कुमार, दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर.के. गुप्ता और मैक्स अस्पताल के समूह चिकित्सा निदेशक डॉ. संदीप बुद्धिराजा शामिल हैं।