हरिद्वार में आज होने वाले गंगा दशहरा का स्नान आम व्यक्ति नहीं कर सकेगा। हरकी पैड़ी को स्थानीय और श्रद्धालुओं के लिए पूरी तरह सील किया जाएग। हालांकि, गंगा सभा गंगा दशहरा पर सूक्ष्म पूजा करेगी। इसको लेकर रविवार शाम को एसपी सिटी और सिटी मजिस्ट्रेट ने श्रीगंगा सभा के पदाधिकारियों के साथ हरकी पैड़ी पर बैठक भी की।

केंद्र सरकार की ओर से लॉकडाउन-4 समाप्त होने के बाद अब अनलॉक-1 शुरू कर दिया है। इसमें सरकार की ओर से कई रियायतें दी गई है। बाहर से आने वाले यात्रियों को भी इसमें छूट दी गई है। बिना पास के भी राज्यों के आने में कोई रोक नहीं है। ऐसे में यात्री भी आज से हरिद्वार आ सकते है। हालांकि हरकी पैड़ी के मंदिर आठ जून के बाद ही खुलेंगे। हरिद्वार आने की रियायत मिलने के बाद भी हरकी पैड़ी सील रहेगी। यात्री और स्थानीय लोगों को हरकी पैड़ी तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अस्थि प्रवाह को लेकर छूट देने की व्यवस्था भी की गई है। कोई यात्री या श्रद्धालु हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड न पहुंचे इसके लिए हरकी पैड़ी चौकी, भीमगोड़ा और कोतवाली नगर के बाहर बैरियर लगाए गए है। जहां लोगों से सोमवार को पूछताछ भी होगी। रविवार की शाम को एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय, सिटी मजिस्ट्रेट जगदीश लाल, सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह, एसडीएम शैलेंद्र सिंह, नगर कोतवाली प्रभारी प्रवीण सिंह कोश्यारी ने श्रीगंगा सभा के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में निर्णय लिया गया है कि गंगा सभा को सूक्ष्म पूजा की छूट दी गई है। जिसमें श्रीगंगा सभा पूजा कर सकेगी। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने बताया कि हरकी पैड़ी पर दो प्लाटून के अलावा नगर कोतवाली के पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है।
अन्य घाटों पर स्नान जानकारी के अनुसार, स्थानीय लोगों को गंगा सप्तमी की तरह गंगा दशहरा पर भी हरकी पैड़ी पर स्नान नहीं करने दिया जाएगा। पहले की तरह इस बार भी हरकी पैड़ी को पूरी तरह से सील किया जाएगा। लेकिन गंगा सप्तमी पर अन्य घाटों पर लोगों ने स्नान किया था। इस बार भी वैसा ही होगा।
गंगा दशहरा का महत्व सनातन धर्म में गंगा दशहरा का विशेष महत्व है। यह पर्व ज्येष्ठ शुक्ल की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह तिथि 1 जून को पड़ रही है। स्कन्दपुराण में इस दिन स्नान व दान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मां गंगा पृथ्वी पर आई थी। इस दिन मां गंगा का नाम के स्मरण मात्र से ही पापों का अंत हो जाता है।