भव्य कलश यात्रा निकली, राममय हुआ जौनपुर शहर

Alok Verma, Jaunpur Bueauro,

भव्य कलश यात्रा निकली, राममय हुआ जौनपुर शहर

श्री रामकथा के लिए विसर्जन घाट से निकली ऐतिहासिक कलश यात्रा

तरह-तरह की झांकियां रहीं आकर्षण का केंद्र,जय श्री राम के उद्घोष से गूंजता रहा शहर

जौनपुर। आदि गंगा गोमती के पावन तट पर नव दुर्गा मंदिर के समक्ष विसर्जन घाट से बीआरपी इंटर कॉलेज के मैदान में सात दिवसीय रामकथा के लिए शनिवार को सेवा भारती काशी प्रांत के निर्देशन में भव्य कलश यात्रा का शुभारंभ किया गया। विद्वान पंडितों द्वारा मंत्रोच्चारण के बाद पूरे विधि-विधान से कलश यात्रा को श्रीरामकथा स्थल के लिए सद्भावना पुल से रवाना किया गया। कलश यात्रा के लिए सुबह से ही महिलाएं उक्त स्थान पर पहुंच रहीं थी। पीली साड़ियों में सज-धजकर महिलाएं अपने सिर पर कलश लेकर निकली तो यह ऐतिहासिक क्षण आकर्षण का केंद्र बन गया। कलश यात्रा के आगे-आगे तरह-तरह की झांकियां चल रही थी जिसे लोग अपने-अपने कैमरों में कैद करते नजर आए।
सड़क के दोनों किनारे जनता और समाजसेवी संगठनों के पदाधिकारियों द्वारा फूलों की वर्षा की जा रही थी। बताते चलें कि इस ऐतिहासिक कलश यात्रा में महिलाओं और युवाओं का जोश जिस तरह से दिखा उससे यह साबित होता है कि सनातन धर्म के प्रति लोगों का अटूट विश्वास है।

शनिवार को जिले के इतिहास में यह ऐतिहासिक कलश यात्रा विसर्जन घाट से शुरू होकर सद्भावना पुल, केरारवीर मंदिर, चहारसू चौराहा, शाही पुल, रूहट्टा, पॉलिटेक्निक चौराहा, वाजिदपुर तिराहा होते हुए बीआरपी कॉलेज के मैदान में पहुंची। कलश यात्रा शुरू होने से पहले जिस उत्साह व श्रद्धा से लोग इसमें सहयोग दे रहे थे वह क्षण देखने लायक था। सभी कार्यकर्ता कलश को मां और बहनों को पकड़ा रहे थे और मां-बहनें भी काफी उत्साह से कलश को लेकर यात्रा में चल रही थीं और साथ ही जय श्री राम का नारा लगा रही थीं। इसके साथ ही जगह-जगह समाजसेवी संगठनों ने भी जगह-जगह कलश यात्रा का स्वागत किया। कलश यात्रा में शामिल लोगों के लिए पेयजल की भी व्यवस्था की गई थी ताकि किसी को भी परेशानी का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही पानी की बोतलों से भरी हुई एक गाड़ी भी साथ-साथ चल रही थी और कार्यकर्ता महिलाओं को पानी भी वितरित करते नजर आए। कुल मिलाकर इतना दिव्य और भव्य कलश यात्रा अब तक जौनपुर में नहीं निकला था, जिस-जिस रास्ते से यह कलश यात्रा गुजरी लोग सड़क किनारे, अपने-अपने छतों से, बारजों से अपने-अपने मोबाइल में यह ऐतिहासिक क्षण कैद करते नजर आए।

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