Varanasi Bueauro,
चार साल के शिवनन्दन को मिला नया जीवन, दिल में छेद का हुआ सफल ऑपरेशन
*आरबीएसके के सहयोग से मुम्बई के श्री सत्य साईं हार्ट केयर सेंटर में हुई सफल सर्जरी*
*आरबीएसके के तहत दिल में छेद समेत 40 जन्मजात विकृतियों का होता है मुफ्त इलाज*
*पिछले साल हुआ 16 बच्चों का ऑपरेशन, इस वित्तीय वर्ष अब तक हुए 12 ऑपरेशन, सभी स्वस्थ*
वाराणसी, 05 सितम्बर 2024 ।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और केंद्र सरकार की ओर से गरीब और निर्धन परिवार में जन्मजात विकृत से 18 वर्ष तक के बीमार बच्चों के लिए राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के तहत मुफ्त इलाज की व्यवस्था की गई है। आरबीएसके के तहत जन्मजात हृदय रोग, कटे होंठ-तालू, बहरापन, टेड़े-मेढ़े पैर, न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट समेत 40 से अधिक की बीमारियों को शामिल किया गया है। ऐसे बच्चों की असमय मृत्यु को कम करने के साथ उन्हें सामान्य जीवन व्यतीत करने में आरबीएसके अहम भूमिका निभा रहा है।
इसी क्रम में बड़ागांव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आरबीएसके की टीम ने मई में सीतापुर आंगनबाड़ी पर भ्रमण किया। बच्चों की हेल्थ स्क्रीनिंग के दौरान चार वर्षीय बच्चा शिवनन्दन पुत्र उदल दिल में छेद से पीड़ित मिला, जिसकी जानकारी टीम के नोडल डॉक्टर रितेश गुप्ता ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संदीप चौधरी एवं आरबीएसके के नोडल अधिकारी/एसीएमओ डॉ संजय राय एवं प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ शेर मोहम्मद को दी। डॉ रितेश गुप्ता ने शिव के पिता से कहा कि घबराने की आवश्यकता नहीं है। उनके बच्चे का का निःशुल्क ऑपरेशन मेडिकल कॉलेज अलीगढ़ एवं श्री सत्य साईं हार्ट केयर हॉस्पिटल छत्तीसगढ़ में हो जायेगा। तत्पश्चात शिव की फ़ाइल तैयार करके उसको छत्तीसगढ़ भेजा गया लेकिन वहाँ किसी जटिलता के कारण ऑपरेशन के लिए श्री सत्य साईं हार्ट केयर सेंटर नवी मुंबई में भेजा गया, जहाँ उसे भर्ती कर निःशुल्क ऑपरेशन किया गया। बच्चे के पिता ने फ़ोन पर खुशी जाहिर करते हुए बताया कि शिव एकदम स्वस्थ है और हॉस्पिटल से छुट्टी दे दी गयी है। आरबीएसके बड़ागांव टीम में डॉ रमेश, डॉ सर्वेश, आशीष कुमार एवं रेनू गौतम का भी सराहनीय योगदान रहा। पीएचसी के प्रभारी डॉ संतोष कुमार ने भी आरबीएसके टीम के प्रयास की सराहना की।
*सीएमओ डॉ संदीप चौधरी* ने चार साल के बच्चे के दिल में छेद के सफल ऑपरेशन के लिए आरबीएसके बड़ागांव टीम के प्रयास की सराहना की, जिससे शिव को फिर से एक नई जिंदगी मिली। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज पहुँचने के बाद मरीज के साथ एक परिजन के रहने एवं गंभीर विकृति के इलाज, जांच एवं दवा का पूरा खर्च सरकार इस आरबीएसके के अंतर्गत वहन करती है। सीएमओ ने बताया कि आरबीएसके के अंतर्गत जनपद में ग्रामीण क्षेत्रों में 16 टीमें कार्यरत हैं जो प्रत्येक गाँव में विजिट कर जन्मजात दोषों की पहचान करती हैं एवं उनके उपचार के लिए प्रयास करती है। आरबीएसके के अंतर्गत विभिन्न जन्मजात दोषों का चिन्हीकरण करके जन्म से लेकर 18 वर्ष तक के बच्चों के उपचार के लिए सरकार द्वारा गंभीरता से प्रयास किया जा रहा है।
*नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ संजय राय* ने बताया कि आरबीएसके के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 में जनपद में कुल 16 बच्चों का दिल में छेद (पैदाइशी हृदय के वाल्व की बीमारी) का सफल ऑपरेशन हुआ। जबकि वर्ष 2024-25 में अब तक कुल 12 बच्चों का दिल में छेद का सफल ऑपरेशन हो चुका है। सभी बच्चे स्वस्थ हैं। 6 अन्य बच्चों का ऑपरेशन आगामी छह माह में होगा।