ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड में  फैसला20 अगस्त को 

Alok Verma, Jaunpur Beauro,

UP ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड में  फैसला20 अगस्त को 

ज्योतिषी रमेश तिवारी हत्याकांड में 20 अगस्त को होगा फैसला

15 नवंबर 2012 को ऊंचगांव में पुलिस वर्दी में आए बदमाशों ने गोली मारकर की थी हत्या

कॉल डिटेल के आधार पर प्रकाश में आए 13 आरोपी,एक शूटर शेर बहादुर की एनकाउंटर में हो चुकी है मौत

वारदात के बाद हटा दिए गए थे एडीजी कानून व्यवस्था जगमोहन यादव

जौनपुर। ज्योतिषी रमेश तिवारी की सरपतहां के ऊंचगांव में गोली मारकर की गई हत्या के मामले में दोनों पक्षों की तरफ से बहस पूरी हो चुकी है।सोमवार को बहस पूर्ण होने के बाद अपर सत्र न्यायाधीश रूपाली सक्सेना ने फैसले के लिए 20 अगस्त तिथि नियत किया है।
बता दें कि 15 नवंबर 2012 को सुबह 9:15 बजे ग्राम ऊंचगांव में ज्योतिषी रमेश तिवारी की उनके घर पर चढ़कर पुलिस वर्दी में आए दो बदमाशों ने कार्बाइन व पिस्टल से गोलियां बरसाकर हत्या कर दिया था। गोलीकांड में रमेश के भाई राजेश भी घायल हुए थे। मृतक के भाई उमेश तिवारी ने अज्ञात बदमाशों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया था। आरोपितों के मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर हत्या के षड्यंत्र में धीरेंद्र सिंह,शूटर विपुल सिंह व अन्य आरोपितों का नाम प्रकाश में आया। इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड की जांच प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक(कानून व्यवस्था) अरुण कुमार के नेतृत्व में हो रही थी।शूटर शेर बहादुर सिंह के पुलिस एनकाउंटर में मौत हो चुकी है। 12 आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र पुलिस ने प्रस्तुत किया। सभी आरोपी गिरफ्तार हुए। सभी की जमानत हुई।आरोपी धीरेंद्र की जमानत सुप्रीम कोर्ट से हुई। मुकदमे के दौरान आरोपी शूटर विपुल सिंह ने कोर्ट में दरखास्त देकर अपनी हत्या की आशंका भी जताया था जिस पर कोर्ट ने एसपी को आवश्यक कार्रवाई का आदेश दिया था।
वारदात के वक्त रमेश तिवारी लखनऊ निकलने की तैयारी कर रहे थे। आमतौर पर वह लखनऊ ही रहा करते थे। लेकन घटना के एक दिन पूर्व वह अपना जन्मदिन मनाने के लिए जौनपुर पहुंचे हुए थे।
पुलिस को शक था कि हत्यारों को उनके इस कार्यक्रम के बारे में अच्छी तरह से पता था। इसलिए वो उनके वापस लखनऊ निकलने से कुछ देर पहले ही वारदात को अंजाम देने पहुंचे थे। इस हत्याकांड ने प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठा दिए थे। इस वारदात के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिस अधिकारियों की जमकर क्लास ली।मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लेते हुए एडीजी कानून व्यवस्था जगमोहन यादव को हटा दिया था।

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