Alok Verma, Jaunpur Beauro,
सफाईकर्मी कभी नहीं लगाते झाड़ू, बरसों से बजबजा रहीं नालियां
सभी सरकारी शुल्क जमा करते हैं कॉलोनी के रहिवासी
नगर पालिका प्रशासन का अघोषित ‘अछूत’ कॉलोनी है शेषपुर का यह इलाका
जौनपुर। जम्मू कश्मीर को धरती का स्वर्ग कहा जाता है लेकिन जिले में कई ऐसी जगहें हैं जिसे देश का नर्क कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। उन्हीं में से जौनपुर शहर में एक जगह है जो जिलाधिकारी कार्यालय से महज 2 मिनट की दूरी पर है। वह जगह कहीं और नहीं, बल्कि शेषपुर मोहल्ले की एक कॉलोनी है जो घर दुअरिया टैक्स, जल कर, बिजली और तमाम सरकारी शुल्क देती तो है लेकिन सुविधा के नाम पर उसे ‘अछूत’ रखा गया है। ‘अछूत’ इसीलिए कि यहां पर कोई सफाईकर्मी झाड़ू तक लगाने नहीं आता। कूड़ा उठाना तो बहुत दूर की बात है। हां, समय-समय नेता वोट मांगने जरूर आ जाते हैं लेकिन वोट लेने के बाद ऐसे गायब हो जाते हैं। जैसे गधे के सिर से सिंग।
बता दें कि नगर के कचहरी रोड से रोडवेज की तरफ जाने वाले मार्ग पर सोनालिका ट्रैक्टर के सामने एक कब्रिस्तान है, उसी के बगल से इस कॉलोनी में जाने के लिए रास्ता है। रास्ता तो ऐसा है जो एक बार आ जाए उसे नर्क का एहसास होने लगता है, उसके बाद तो उसे आप बुलाते रहिए, वह दोबारा नहीं आता है। यहां पर कुछ प्रिंटर्स की दुकानें हैं, वह भी इस गंदगी से थक-हार गए हैं। इसी कॉलोनी के अंदर कुल 20-25 घर हैं जिनके यहां पहुंचने के लिए सड़क तो गई है लेकिन इतनी गड्ढायुक्त की पूछिए मत। पैदल यात्री भी बहुत मुश्किल से कीचड़ों से बचते बचाते पहुंच पाते हैं।
गली में कभी नहीं लगता झाड़ू
स्थानीय निवासी कमलेश निषाद एवं शनि निषाद का कहना है कि पहले घर तक इंटरलाकिंग सड़क बनी थी लेकिन धीरे-धीरे टूट गई और इसके बाद कोई झांकने तक नहीं आया। हम लोगों ने कई बार नगर पालिका से निवेदन किया लेकिन उनके कानों पर जूं तक नहीं रेंग रहा। कम से कम प्रतिदिन इस गली की सफाई होने लगे तो हम लोग संक्रामक बीमारियों के खतरे से बच सके। घर में छोटे-छोटे बच्चें हैं, उनको लेकर हमेशा चिंता बनी रहती है।
संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा
स्थानीय निवासी ताड़कनाथ का कहना है कि हमारे घर के सामने ही एक प्लॉट खाली पड़ा है जिसमें सभी लोग कूड़ा फेंकते हैं और जिसकी वजह से आवारा जानवरों का भी जमावड़ा उसमें लगा रहता है। घर के पास वह गंदगी भी करते हैं लेकिन सफाई न होने से वह काफी दिनों तक जस का तस पड़ा रहता है। बारिश होने के बाद तो कूड़े की बदबू से हम लोगों का जीना मुहाल हो जाता है। इस समय संक्रामक बीमारियों से जागरूकता के लिए अभियान चलाया जा रहा है लेकिन हम लोगों के इधर तो संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा ज्यादा बना हुआ है। मच्छरजनित रोगों से हम लोगों को डर बना हुआ है।
इस गली में मजबूरी में रह रहे किरायेदार
वहीं कुछ किराएदार भी इस लगी में रहते हैं। एक किराएदार राम ने बताया कि मजबूरी में इस गली में रह रहे हैं, वरना यहां कोई आना नहीं चाहता। जगह-जगह गंदगी है। नालियां बजबजा रही है लेकिन कभी सफाई नहीं होती। शाम होते ही मच्छरों का भी दंश झेलना पड़ता है। पूरे गली में जगह-जगह कूड़े का ढेर लगा रहता है। ऐसा लगता है कि इस गली की सफाई हुए बरसों हो गए हो। बारिश होती है तो पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। बहुत संभलकर कदम रखना होता है, कहीं गिर न जाए। वहीं कुछ लोग उस दौरान गिरकर घायल भी हो जाते हैं।
जितनी उपेक्षा प्रशासन कर रहा, उतना भगवान भी नहीं करते
फिलहाल इस गली के रहिवासियों ने शासन-प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया है। उनका कहना है कि जितनी उपेक्षा हम लोगों की प्रशासन कर रहा है, उतनी उपेक्षा तो भगवान भी नहीं करते। अब देखना है कि क्या इस गली के दिन बहुरेंगे या फिर ऐसे ही गंदगी में यहां के लोगों का जीवन नर्क बना रहेगा।
यही हाल अहमद खान मंडी क्षेत्र का भी है वहाँ शैल शिक्षा मन्दिर इंटर कालेज के पास कालोनी वासियों ने बताया कि यहाँ साफ सफ़ाई की व्यवस्था दयनीय हालत में है। यहाँ के सफाई कर्मचारियों ने क्षेत्र का बंटवारा मनमाने ढंग से कर लिया है और काम करने के नाम पर फर्ज अदायगी की रस्म पूरी की जाती है।