मडियाहू नगर पंचायत में बह रही भ्रष्टाचार की गंगा

आलोक वर्मा, जौनपुर ब्यूरो,

मडियाहू नगर पंचायत में बह रही भ्रष्टाचार की गंगा

कुछ वर्ष पूर्व करोड़ों की लागत से नाले के निर्माण को तोड़कर दोबारा किया जा रहा नए नाले का निर्माण कार्य, कमीशन खोरी के चक्कर में करोड़ों रुपए की सरकारी धन का हो रहा दुरुपयोग।

मडियाहू जौनपुर ।स्थानीय तहसील क्षेत्र के नगर पंचायत मड़ियाहूं स्थित वार्ड सं 7 खैरूद्दीनगंज में नाली निर्माण में मानकों को ताख पर रखकर सरकार के धन को जमकर पलीता लगाया जा रहा है। सरकार ने धन दिया है विकास करने के लिए विकास के नाम पर सरकारी धन का बंदर बाट करना अगर सीखना है तो नगर पंचायत अध्यक्ष ठेकेदार एवं सभासद से कोई सीखे । गौरतलब है कि नगर पंचायत मडियाहू में सरकार के धन को पलीता लगाने का नया तरीका अपनाया गया ।

आपको बता दे की खैरूद्दीनगंज स्टेशन रोड पर कुछ वर्ष पहले ही नाले का निर्माण कराया गया था जो कि वर्तमान में सही व सुचारू रूप से कार्य कर रहा था। जो की लाखों रुपए की लागत से बनवाया गया था, बावजूद उसके विकास कार्य के नाम पर इस नाले पर दोबारा नए नाले के निर्माण कार्य हेतु टेंडर निकाला गया जिसकी आवश्यकता ही नहीं थी जिसमें लाखों रुपए की सरकारी धन का दुरुपयोग व बंदर बात किया जा रहा है। नए नाले के लिए टेंडर ठेकेदार को दे दिया गया उसमें भी ठेकेदार द्वारा मानक विहीन कार्य किया जा रहा है। जहा नया ईट के बगल पुराना ईट भी रखे हुए है। ताकि कोई यह जान न पाए कौन सा ईट इस्तेमाल हो रहा है वहीं पर लोगों का कहना है की जो नई ईट है वह सेम ईट लगाया जा रहा है। यहां तो सब सरकार के धन को पलीता लगाने में नए-नए तरीके आजमाए जा रहे हैं। आखिर उनकी चोरी कैसे पकड़ी जाएगी अगर जांच कमेटी बैठाई जाए तो शायद दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा सवाल यह है की जांच कमेटी बैठे तो बैठे कैसे सत्ता की हनक इस कदर है कि नगर पंचायत अध्यक्ष व उनके पति कमाल फारूकी के आगे अधिकारी घुटने टेक चुके है ऐसी नगर में चर्चा है। कुछ लोगों का मानना है की वार्ड के सभासद राकेश गुप्ता नगर पंचायत अध्यक्ष पति के चहीते भी है उसी का फायदा उठाकर जमकर सरकार के धन को पलीता लगाया जा रहा है। वही देखा जाए तो जिलाधिकारी ने जौनपुर की कार्यभार को संभाले हुए। भ्रष्टाचारियों पर लगाम कसने से बाज नहीं आ रहे हैं लेकिन भ्रष्टाचारी भी कुछ कम नहीं दिख रहे यह नए-नए तरीके अपना कर जो विकास कार्य दो-तीन वर्ष पूर्व लाखों रुपए की लागत से किया गया था दोबारा उसी को तुड़वाकर विकास कार्य के नाम पर सरकार के धन को पलीता लगा रहे हैं फिलहाल देखा जाए तो जिलाधिकारी रविंद्र कुमार मांदड़ के कार्य शैली को देखकर जनता प्रशंसा भी करती है लेकिन कुछ दिनों से करवाई मे ढीलापन दिखाना जनता प्रशंसा के बजाय कोष भी रही है, कि आखिर विकास कार्यों में सरकारी धन का बंदर बांट करने वालों के ऊपर कार्यवाही क्यों नही हो रही है। जनता के मन में सवाल यह उठ रहा है कहीं सत्ता की हनक के आगे अधिकारी घुटने तो नहीं टेक चुके है, फिलहाल देखना यह होगा की जिलाधिकारी इस मामले में जांच कमेटी बैठाएंगे या फिर सरकार के धन को बंदर बांट करके सरकार के मंसूबे पर पानी फेरते रहेंगे फिलहाल जनता का कहना है कि इस नाली निर्माण कार्य में जिस तरह की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है यह कुछ ही दिनों का मेहमान है। तथा जनता में यह भी चर्चा व भय का विषय बना हुआ है, क्योंकि वर्तमान अध्यक्ष पति कमाल फारूकी यह कहते फिरते हैं कि सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मेरी अच्छी पहचान है। यही वजह है कि मेरे खिलाफ कोई किसी प्रकार की कार्यवाही नही कर सकता है, अगर जांच बैठी भी तो जांच कर रहे अधिकारियों के अंदर इतनी हिम्मत नहीं है कि मेरे खिलाफ किसी प्रकार की कोई कार्यवाही कर सके। इस संबंध में सभासद राकेश गुप्ता से बात किया गया तो उन्होंने बताया कि सफेद बालू का नाले के नीचे लेवल मिलाने हेतु उपयोग किया जा रहा है । जबकि नाले के नीचे सरिया गिट्टी बालू जैसी सामग्री का उपयोग ढलाई करके लेवल का मिलान कार्य किया जाना था। आप क्यों पूछ रहे हैं । हम मिलकर आपको बताएंगे इससे साफ हो गया की नगर पंचायत अध्यक्ष पति के चहीते है। वही जब इस संबंध में नगर पंचायत के जेई दीपक कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह नए नाले का निर्माण हेतु ठेकेदार को कार्य दिया गया है जिसमें उनका खुदाई करने के उपरांत सरिया, गिट्टी, सीमेंट, बालू, से ढलाई करके उसके ऊपर मानक युक्त ईद से व लाल बालू का उपयोग करते हुए नाले का निर्माण करना है। जब इस संबंध में अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत चंदन सिंह गौड़ के सीयूजी नंबर पर कॉल करना चाहा तो उनका मोबाइल फोन कई बार रिंग जाने के बावजूद नहीं उठा ऐसे में सुबे के मुख्यमंत्री की भी आदेश की अवहेलना होती है जबकि सुबे के मुख्यमंत्री कहते हैं प्रत्येक अधिकारी व कर्मचारी अपना सी0यू0जी फोन जरुर उठाएंगे। ऐसे में जनता ने उच्चधिकारियों का ध्यान आकृष करते हुए नगर पंचायत में हो रहे तमाम विकास कार्यों के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग व बंदरबाट को लेकर जांच की माग की है।

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