Alok Verma, Jaunpur. Beauro,
कोतवाल लाइन हाजिर
पत्रकार हत्याकांड में किये गए लाइन हाजिर
शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय क्षेत्र के सबरहद गांव निवासी एक न्यूज चैनल के पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की हत्या मामले में लापरवाही बरतने के चलते कोतवाली प्रभारी तारकेश्वर राय को लाइन हाजिर कर दिया गया। वहीं सर्विलांस सेल प्रभारी मनोज ठाकुर को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। अब नवागत कोतवाल पर हत्याकांड का समयबद्ध और तत्परता से घटना का सही खुलासा करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। फिलहाल पद ग्रहण करते ही दिवंगत पत्रकार के घर पहुंच परिजनों से मुलाकात किया। आश्वस्त किया कि जल्द ही खुलासा किया जायेगा। हालांकि परिजनों को भी नये प्रभारी आने से उम्मीद की किरणें जगी है। वहीं मामले में नामजद अन्य आरोपितो कि तलाश में पुलिस जुटी है।
पुलिस उपाधीक्षक अजीत सिंह चौहान ने कहा कि मुम्बई से दोबारा गिरफ्तार नामजद आरोपित हिस्ट्रीशीटर जमीरुद्दीन कुरैशी को पुलिस चार चक्का वाहन से लेकर रविवार को चला है। सोमवार देर शाम तक आने की उम्मीद है।
सूत्रों की माने तो पहली बार गिरफ्तार जमीरुद्दीन कुरैशी को लाने हेतु 3 टिकट फ्लाइट का कट चुका था। एसआई मंशाराम गुप्ता कांस्टेबल बृजेश मिश्रा और आरोपित जमीरुद्दीन का लेकिन ऐन मौके पर शाहगंज कोतवाली से फोन जाता है कि उसे ट्रेन से लेकर आओ जिसके बाद फ्लाइट का टिकट कैंसल कर ट्रेन पकड़ा जाता है। बताया जाता है कि सोमवार को घटना के बाद ही एक टीम फ्लाइट से मुम्बई पहुंच जातीं हैं। मंगलवार को जमीरुद्दीन कुरैशी को मुम्बई के भिवंडी से गिरफ्तार कर लिया जाता है। ट्रांजिट रिमांड के बाद गुरुवार को गोरखपुर स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन से आरोपित कों लाया जाता है लेकिन देर रात लगभग सवा दो बजे खंडवा स्टेशन से लघुशंका का बहाना कर पुलिस अभिरक्षा से भाग निकलता है। हालांकि पुनः दूसरी टीम मुंबई पहुंच जमीरुद्दीन कों गिरफ्तार करती है लेकिन सवाल यह उठता है कि क्यों अंतिम समय में फ्लाइट से लाने का प्लान बदल जाता है। आरोपित फरार हो जाता है। इस यक्ष प्रश्न का जवाब बेहद जरूरी है।
कहानी फिल्मी नहीं मगर उससे कम भी नहीं। बताया जाता है कि पहली बार गये टीम के पास आरोपित को लगाने हेतु हथकड़ी तक नहीं था। आरोपित कों अटैची बांधने वाले जंजीर लगा लाया जा रहा था। खंडवा स्टेशन से ट्रेन चलने के बाद कांस्टेबल शौच चला गया। वहीं एसआई मंशाराम गुप्ता आरोपित के झांसे में आ उसे लघुशंका कराने चले गये जो चलती ट्रेन से कूद भाग निकला। वहीं पुलिस फिल्मी स्टाइल में पुनः हिस्ट्रीशीटर को मुम्बई से गिरफ्तार कर लेती है।