Alok Verma, Jaunpur Beauro,
आशुतोष के परिवार ने की सीबीआई से जाँच कराने की मांग
जौनपुर। अपने पति का सीना गोलियों से छलनी और खून से लथपथ लाश देखने के बाद से ही पत्रकार आशुतोष श्रीवास्तव की पत्नी अलका की आंखों के आँसू खुश्क हो चुके हैं , लेकिन अभी तक पुलिस ने हत्यारों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जिसके कारण पूरा परिवार दहशत में जी रहा है। उधर सभी दलों के नेता चुनाव में मशगूल है , हैरत की बात है कि सत्ताधारी से लेकर विपक्षी पार्टियां भी चुप्पी साधे हुए है । पत्रकार के परिवार को अब यूपी पुलिस से भरोसा उठ गया है , उनके भाई आज डीएम एसपी से मिलकर इस हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट आये थे लेकिन अफसरों से मुलाकात न होने के कारण मायूस होकर घर लौट गए।
वरिष्ठ पत्रकार खुर्शीद अनवर खान के अनुसार पत्रकार , आरटीआई कार्यकर्ता और फायरब्रांड हिंदुत्ववादी नेता आशुतोष श्रीवास्तव के क़त्ल की घटना एक हफ़्ते पुरानी हो चुकी है।उसकी पत्नी अलका की आंखों के आँसू खुश्क हो चुके हैं , लेकिन उसकी आहें लोगों का कलेजा चीर दे रही हैं।उसके चेहरे पे पसरा मातम आने जाने वाले रिश्तेदारों की आंखें नम कर देता है।लेकिन आशुतोष की विधवा अलका की आहें चुनाव प्रचार के शोर में दब सी गयी हैं।जिस आशुतोष ने जीवन भर हिंदुत्व का झंडा उठाये रखा उसी अशुतोष को हिंदुत्वादी सरकार और हिंदुत्व के ठेकेदारों ने नज़र अंदाज़ कर दिया है।
आशुतोष के क़त्ल की ख़बर पर कुछ सत्ताधारी पहुंचे लेकिन ऐसे ही जैसे किसी भी मरने वाले के दुआरे जाने की फ़र्ज़ अदायगी की जाती है।हिन्दू और हिंदुत्व का ठेका लेकर बैठे किसी भी सियासतदां ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि अब अलका जीवन कैसे जियेगी, अशुतोष के इकलौते बेटे सार्थक का जीवन कैसे सार्थक होगा।
मृतक पत्रकार के भाई आज हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की मांग को लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे थे लेकिन डीएम एसपी से मुलाकात नही हुई । उन्होने ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हम लोगो को स्थानीय पुलिस से भरोसा उठ गया है , पुलिस इस मामले में शुरू से ही लापरवाही कर रही है जिसका परिणाम है कि मेरे भाई की हत्या कर दी गई। उन्होंने साफ कहा कि पुलिस जमीरुद्दीन को मुंबई से गिरफ्तार किया है वह तो एक मोहरा है , मुख्य आरोपी वही मुंबई में ही है पुलिस उसे क्यों गिरफ्तार नहीं कर रही है , उन्होने पुलिस की कार्य प्रणाली पर संदेह जताते हुए कहा कि असली कातिलों को सज़ा दिलाने के लिए सीबीआई जाँच होना जरुरी है।