ब्यूरो,
यूपी: सपा के अंदर टिकट को लेकर घमासान,एक को मनाओ को दूजा नाराज
यूपी में लोकसभा चुनाव के नामांकन का पहला चरण पूरा हो चुका है और दूसरे चरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। एक तरफ भाजपा पूरे एनडीए कुनबे को साथ लेकर चुनाव में कूदा हुआ है तो दूसरी तरफ मुख्य विपक्षी पार्टी सपा के अंदर ही घमासान मचा हुआ है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव की यह हालत हो गई है कि एक को मनाओ को दूजा रुठ जाता है। बार-बार टिकट बदलने पड़ रहे हैं। एक तरह से पहले चरण में ही सपा अस्त व्यस्त सी हो गई है। बुधवार को पहले चरण के नामांकन के अंतिम दिन तक मुरादाबाद से रामपुर तक सपा में घमासान मचा रहा। गुरुवार को मेरठ और गौतमबुद्ध नगर में भी टिकटों में बदलाव कर दिया गया। इससे पहले बदायूं, मिश्रिख और गौतमबुद्ध नगर में भी पहले ही एक बार टिकट बदला जा चुका है।
सपा की हालत यह हो गई है कि चुनावी रणनीति बनाना तो दूर की बात पार्टी खेमेबाजी को ही निपटाने में जुटी है। पहले धर्मेन्द्र यादव को लेकर ऊहापोह की स्थिति रही फिर शिवपाल यादव और उसके बाद रामपुर और मुरादाबाद को लेकर आजम खान की पैंतरेबाजी ने सपा को परेशान कर दिया। यही कारण है कि धर्मेंद्र यादव का टिकट बदलने से लेकर रुचिवीरा का नामांकन कराने तक पार्टी में प्रत्याशियों को ही संभालने में लगी हुई है।
सपा अध्यक्षने सबसे पहले टिकटों में बदलाव घर वालों का ही किया। बदायूं में पूर्व घोषित प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव का टिकट काटकर शिवपाल यादव को मैदान में उतारा। बाद में धर्मेंद्र को आजमगढ़ से उम्मीदवार बनाया गया। धर्मेंद्र इससे खुश थे लेकिन परिवार का मामला भीतर ही रहा। उधर शिवपाल की इच्छा है कि बदायूं से उनके बेटे आदित्य यादव को लड़ाया जाए लेकिन पार्टी ने इस पर तवज्जो नहीं दी।
मिश्रिख सीट से पहले रामपाल राजवंशी को टिकट दिया गया। बाद में उन्होंने अपने बजाए बेटे मनोज राजवंशी के लिए टिकट मांगा तो वह मंजूर हो गया। इसके बाद यहां तीसरी बार टिकट बदला गया और मनोज राजवंशी की पत्नी संगीता राजवंशी को टिकट मिल गया। संभल में पहले वहीं के सांसद शफीकुररहमान बर्क को टिकट दिया गया। उनके निधन के बाद कई दावेदार आ गए। लेकिन उनके पौत्र व मुरादाबाद से विधायक जियाउर्रहमान बर्क को प्रत्याशी बनाया गया। गौतमबुद्धनगर से पहले महेंद्र नागर को टिकट दिया गया। इसके बाद वहां से राहुल अवाना को टिकट दे दिया गया। गुरुवार को एक बार फिर यहां पर बदलाव हुआ और महेंद्र नागर को दोबारा प्रत्याशी बना दिया गया है। बिजनौर से यशवीर सिंह प्रत्याशी बनाए गए और उसके बाद दीपक सैनी को टिकट थमा दिया गया। मेरठ से भानु प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया गया था। उनके खिलाफ आधा दर्जन मौजूदा विधायक व अन्य नेताओं ने भी दावेदार की। इसके बाद गुरुवार को उनका भी टिकट काट दिया गया। अभी तक नया प्रत्याशी यहां से घोषित नहीं किया गया है।
सपा के कद्दावर नेता आजम खान भले ही जेल में हैं लेकिन उनकी नाराजगी के कारण भी टिकटों में बदलाव हो रहे हैं। रामपुर में सपाइयों ने आजम खान का पत्र जारी कराया और चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया। जबकि इससे पहलेअखिलेश यादव आजम खान से मिलने जेल गए, वहां करीब 40 मिनट बात हुई। आजम ने रामपुर से अखिलेश यादव या उनके परिवार को ही लड़ाने की मांग रख दी। अखिलेश ने जब रामपुर से परिवार के किसी व्यक्ति को उतारने से इनकार कर दिया तो बात मुरादाबाद पर आ गई।
यहां से एसटी हसन का नाम घोषित हो चुका था। लेकिन आजम खान की नाराजगी के कारण उनकी खास रुचि वीरा को अंतिम दिन नामांकन कराने के साथ ही टिकट भी चार्टर्ड प्लेन से भिजवा दिया गया। इधर रामपुर में सपा ने अपनी मर्जी से दिल्ली के इमाम मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी को उतारा तो आजम खान के खास आसिम रजा ने भी नामांकन कर दिया। हालांकि गुरुवार को उनका नामांकन खारिज हो गया है।