Alok verma, jaunpur beauro,
आडवाणी को भारत रत्न दिये जाने से भाजपाइयों में खुशी की लहर
लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न सम्मान दिये जाने पर हार्दिक खुशी: पुष्पराज सिंह
जौनपुर : भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के सातवें उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने का एलान होने पर भाजपा जौनपुर के कार्यालय पर खुशी मनाई गई। जिलाध्यक्ष पुष्पराज सिंह ने कहा कि मुझे खुशी हो रही है कि लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। वह भाजपा के संस्थापक चेहरों में से एक है उनकी घोषणा पर भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं मे खुशी कि लहर है। भारत के विकास में उनका योगदान स्मरणीय है। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और भाजपा के संस्थापक सदस्य नाना जी देशमुख के बाद ये सम्मान पाने वाले भाजपा के तीसरे नेता हैं। 2014 में सत्ता संभालने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा दिया गया यह सातवां भारत रत्न है। आडवाणी से पहले 23 जनवरी को बिहार के पूर्व CM कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न (मरणोपरांत) देने का ऐलान किया जा चुका है।
उन्होंने आगे कहा कि एक समय ऐसा था जब राजनीति में अटल-आडवाणी की जोड़ी की तूती बोलती थी और कांग्रेस के खिलाफ राजनीति के सबसे बड़े केंद्र बन चुकी इस जोड़ी ने देश में पहली बार गैर-कांग्रेसी सरकार बनाई। लाल कृष्ण आडवाणी ही वह नेता हैं, जिन्होंने राजनीति में यात्राओं का कल्चर शुरू किया था जिस समय अयोध्या में राम मंदिर की मांग अपने पीक पर थी, तब लालकृष्ण आडवाणी ने गुजरात के सोमनाथ से लेकर अयोध्या तक की रथयात्रा शुरू की थी, जिसकी वजह से देश की राजनीति में हिंदुत्व की राजनीति ने उभरना शुरू किया। भाजपा में एक समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से पहले लालकृष्ण आडवाणी को ही चेहरा माना जाता था और वो ही प्रधानमंत्री पद के दावेदार थे, लेकिन भाजपा अध्यक्ष रहने के दौरान मुंबई के अधिवेशन में लालकृष्ण आडवाणी ने अटल बिहारी वाजपेयी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर सबको चौंका दिया था। जब आडवाणी ने पीएम के लिये अटल के नाम का ऐलान किया तो वाजपेयी जी उनसे नाराज हो गए थे उन्होंने आडवाणी से कहा था कि एक बार मुझसे पूछ तो लेते इस पर आडवाणी ने उनको जवाब दिया कि पार्टी का अध्यक्ष होने के नाते उनके पास यह अधिकार है।