ब्यूरो,
कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम की पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात ने सियासी हलचल तेज कर दी है। यह मुलाकात यूं तो एक धार्मिक कार्यक्रम (श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह) के लिए पीएम को आमंत्रित करने के मकसद से हुई लेकिन लोकसभा चुनाव करीब होने के चलते सियासी गलियारों में इसकी जमकर चर्चा हो रही है। यहां तक कि इसे आचार्य प्रमोद कृष्णम के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने के स्पष्ट संकेत के तौर पर देखा जाने लगा। और तो और शुक्रवार को सोशल मीडिया में आचार्य को कांग्रेस से तत्काल प्रभाव से निष्कासित किए जाने का एक लेटर भी वायरल हो गया। इन सबके बीच आचार्य प्रमोद कृष्णम की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा है कि ‘भारत के प्रधानमंत्री से मिलना कोई गुनाह नहीं है, उन्हें श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित करना भी कोई गुनाह नहीं है और अगर यह गुनाह है तो मैं इसकी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूं।’
इसके पहले पीएम से मुलाकात के बाद मची सियासी हलचल की एक समाचार चैनल की हेडलाइन शेयर करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक्स पर ‘तूफान भी आएगा’ लिखकर अटकलों को और तेज कर दिया। एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि मेरी पहचान सनातन के सेवक के रूप में है। मैं भारत के साथ हूं, सनातन के साथ हूं। सनातन वह धर्म है जो सत्य है और शाश्वत है। बता दें कि प्रमोद कृष्णम लम्बे समय से कांग्रेस से अलग स्टैण्ड लेते रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर 2014 का लोकसभा चुनाव संभल और 2019 का लोकसभा चुनाव लखनऊ से लड़ा था। इसके पहले प्रमोद कृष्णम लम्बे समय तक टीवी चैनलों पर कांग्रेस का राजनीतिक स्टैंड रखते रहे हैं। कांग्रेस की चुनावी रैलियों में भी ध्यान खींचते रहे हैं। हालांकि पिछले कई महीनों से वह कांग्रेस नेतृत्व के कुछ फैसलों की आलोचना कर रहे हैं। अयोध्या में रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस नेताओं के भाग नहीं लेने के फैसले की भी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आलोचना की थी। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि उन्हें सूली पर चढ़ना मंजूर है, लेकिन सिर झुकाना मंजूर नहीं।
इस बीच 19 फरवरी को कल्कि धाम में होने वाले शिलान्यास समारोह के लिए वह पीएम मोदी के पास पहुंचे तो सियासी हलचल तेज हो गई। इस मुलाकात की तस्वीरें एक्स पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, ‘ भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, मेरे इस पवित्र “भाव” को स्वीकार करने के लिये माननीय प्रधानमंत्री का हार्दिक आभार एवं साधुवाद।’ वहीं पीएम मोदी ने यह निमंत्रण स्वीकार करते हुए लिखा, ‘ स्था और भक्ति से जुड़े इस पावन अवसर का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है। निमंत्रण के लिए आपका हृदय से आभार आचार्य प्रमोद कृष्णम।’
सियासत पर असर
जानकारों का कहना है कि यूपी में कांग्रेस की राजनीति में फिलहाल कोई ऐसा नेता नहीं है जो राम मंदिर निर्माण को लेकर आचार्य प्रमोद कृष्णम जितना मुखर रहा हो। प्रमोद कृष्णम की राजनीति के साथ-साथ उनकी कल्कि पीठ की भी खूब चर्चा होती है जो इन्होंने अपने गांव में बनाई है। प्रमोद कृष्णम कल्कि पीठाधीश्वर के रूप में विख्यात हैं। लोकसभा चुनाव से चंद महीने पहले राम मंदिर के उद्घाटन के बीच माहौल राममय है। ऐसे में कांग्रेस भी कहीं न कहीं क्रेडिट लेने की कोशिश करती नजर आई थी लेकिन यदि आचार्य प्रमोद कृष्णम जैसे नेता उसका दामन छोड़ बीजेपी के साथ आते हैं तो भगवा दल को मजबूती के साथ घेराबंदी का बड़ा मौका भी मिलेगा।