पूर्व कांग्रेस सांसद और यूपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री अब हो गए राम भक्त, 22 को जाएंगे प्राण प्रतिष्ठा में  

ब्यूरो,

फैजाबाद के पूर्व कांग्रेसी सांसद और यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री 22 को प्राण प्रतिष्ठा में जाएंगे अब वे राम भक्त हो गए हैं

*राम भक्त होना कोई पाप नही है, मुझे इस भक्ति पर गर्व है । और मुझे इस बात पर भी गर्व है कि मैं प्रभु राम की नगरी का निवासी ही नही वरन मेरी जन्मस्थली व कर्म भूमि भी अयोध्या है। सभी धर्मों के लोगो को अपने अपने इष्ट देवो पर गर्व करना भी चाहिए।
रामकथा के पहले रचयिता वाल्मीकि ने लिखा है। उन्होंने लिखा है-
“रामो विग्रहवान् धर्म:” अर्थात राम धर्म है और धर्म ही राम ।
यानी राम जो करते है वह धर्म हो जाता है इससे धर्म की व्याख्या होती है।

महात्मा गांधी का राम ,सनातन अजन्मा है। वह आत्मशक्ति का उपासक है वह निर्बल का सहारा है उसकी कसौटी प्रजा का सुख है।

मैं धर्म के पाखंड का विरोधी, धर्म के सहारे राजनीतिक लाभ लेने के हथकण्डे का विरोधी हूँ। मैं व्यक्तिगत जीवन मे न कोई व्रत रखता हूँ और न ही पूजा पाठ। हाँ रामभक्त हनुमान जी का हृदय में स्थान है व उन्ही को रोज याद कर अपना प्रत्येक दिन व्यतीत करता हूँ। ईश्वर के प्रति भक्ति और आस्था मुझमे है।
यह अलग बात है कि अपने जीवन मे मैं कई तीर्थो पर जाकर प्रणाम कर चुका हूँ। –अमरनाथ यात्रा, वैष्णों देवी यात्रा, रामेश्वरम, पुरी जगन्नाथ, नासिक त्रयम्बकेश्वर, काशी विश्वनाथ, श्रीनगर शंकराचार्य मंदिर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगौत्री, हरिद्वार, उज्जैन महाकाल, ओंकारेश्वर, द्वारिका, मथुरा, वृंदावन, सोमनाथ मन्दिर, विघ्नेश्वर मन्दिर, तिरुपति, शिरडी साईबाबा आदि आदि।

इन बातों को लिखने का तात्पर्य यह है कि अयोध्या में 22 तारीख को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम के संदर्भ में राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव आदरणीय चम्पत राय जी के व्यक्तिगत निमंत्रण का सम्मान करते हुए मैं इस कार्यक्रम में भाग लूंगा।
चूंकि कांग्रेस पार्टी का ऐसा कोई निर्देश नही है कि कोई कांग्रेसी इस 22 तारीख के कार्यक्रम में भाग न लेवे सिर्फ हमारे सर्वोच्च नेताओं ने ही 22 तारीख के निमंत्रण में आने की असमर्थता व्यक्त की है अतः मैं 22 तारीख के निमंत्रण को स्वीकार करते हुए इसमें भाग लूंगा।
और अब तो प्रदेश कांग्रेस इकाई ने भी 15 तारीख को अयोध्या यात्रा, सरयू में डुबकी, दर्शन करके 22 के निमंत्रण को हर हाल में स्वीकार करने के लिये प्रेरित कर दिया है।

*मुझे गर्व है कि मेरा साहसी नेता राहुल गांधी जी इस देश के लोगों की आवाज बनकर उनकी समस्याओं को उजागर करने और उन्हें यह विश्वास दिलाने कि राहुल गांधी उनके साथ खड़ा है, एक लंबी यात्रा पर मणिपुर से महाराष्ट्र के लिए निकले है अपने प्रिय, निर्भीक, ईमानदार नेता मा. राहुल गांधी जी की यात्रा की सफलता हेतु मैं अपनी मंगलकामनाये अर्पित करता हूँ।

किसी भी दल या संगठन की विचारधारा से लड़ाई वैचारिक आधार पर अपने संगठन को मजबूत करके ही कि जा सकती है न की कोई जबावी
Event करके।Event की लड़ाई में हम अपने प्रतिद्वंद्वी का मुकाबला नही कर पाएंगे। सिर्फ और सिर्फ वैचारिक आधार पर अपने संगठन को मजबूत करके ही हम अपने प्रतिद्वंद्वी से लड़ पाएंगे जिस तरफ ध्यान ही नही दिया जा रहा है। जनमानस में हमारे प्रति चाहत है वह चाहत आपको शक्ति दे इसके लिए उत्तर प्रदेश के नेताओं से एक सच्चा कांग्रेसी होने के नाते मेरा यह आग्रह है कि Event की Politics को छोड़कर हम अपने विरोधियों से वैचारिक धरातल पर अपने संगठन को मजबूत करके और उसके द्वारा जनमानस में भी अपनी भावना का प्रचार-प्रसार करके ही कर सकते है

*आखिरी पैरा-
“जो न समझे वह अनाड़ी है'”
नदी में सिर्फ डुबकी लगा कर पुण्य प्राप्त कर लेने की इच्छा रखने वालों के लिये कबीरदास का कथन
” पानी मे मीन पियासी
मोहे सुन सुन आवत हाँशी।
जल थल सागर खूब नहावे
भटकल फिरे उदासी।
आत्म ज्ञान बिना नर भटके
कोई मथुरा कोई काशी ।
(औऱ अब अयोध्या भी)
जैसे मृग नाभि कस्तूरी
वन वन फिरे उदासी।

इसका अर्थ , परिपेक्ष्य, संदर्भ आप सभी स्वयं समझ लेवे।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *