ब्यूरो,
लखनऊ में आज एलडीए का बुलडोजर गरजा। कुकरैल नदी की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए अकबर नगर-1 और अकबर नगर -2 को ध्वस्त करने एलडीए की टीम भारी पुलिस बल लेकर पहुंची। लोगों ने इसका विरोध किया। मौके पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। कॉलोनी वासियों ने हाईकोर्ट में कार्रवाई रोकने को लेकर अपील की। इसी के बाद गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के चलते कुछ देर के लिए ध्वस्तीकरण की कार्यवाही रोकी गई। इलाके में एलडीए की टीम ने तोड़फोड़ की कार्रवाई रोककर सुनवाई होने तक मकान-दुकान खाली कराने शुरू किए।
अकबरनगर कुकरैल नदी की जमीन पर बना है। कुछ हिस्सा ग्रीन बेल्ट पर है। यूपी सरकार ने साबरमती की तर्ज पर लखनऊ में कुकरैल रिवर फ्रंट बनाने का निर्णय लिया है। इसके बाद अकबरनगर पर बुलडोजर चलाने का फैसला लिया गया। हालांकि लोगों ने इस पैसले का विरोध किया। फैसले के खिलाफ पहले ही कॉलोनी के लोगों ने कमिश्नर कोर्ट में गुहार लगाई थी। इसके बाद हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने एलडीए की अपील के खिलाफ सुनवाई कर रही कमिश्नर रोशन जैकब को 14 दिसम्बर तक मुकदमा निस्तारित करने के निर्देश दिए थे। कमिश्नर ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अपील खारिज कर दी। इसी क्रम में गुरुवार को एलडीए की टीम ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने पहुंची।गुरुवार को लोगों ने फिर एलडीए का विरोध किया। इस प्रदर्शन में एक भाजपा नेता भी शामिल था जिसका नोकझोंक और धक्का मुक्की के बीच सिर फट गया। पुलिस ने उसे दौड़ा कर पकड़ा। वहीं कार्रवाई फिलहाल के लिए रोकी गई है। हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद फैसले का इंतजार है। बता दें कि अकबर नगर-1 और अकबर नगर -2 में कुल 1068 मकान और 101
दुकानें-शोरूम तोड़े जाने हैं। सभी को पहले ही मकान और दुकान खाली करने के निर्देश दिए गए थे। कुछ लोग बुधवार को अपना सामान लेकर वहां से चले गए। वहीं कुछ लोगों ने अब भी जगह खाली नहीं की है और ध्वस्तीकरण के खिलाफ कोर्ट में अपील की है।