ब्यूरो,
यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में वर्ष 2024-25 के लिए नई आबकारी नीति को मंजूरी दे दी गई। अब अनुमति लेकर हवाई अड्डो, मैट्रो स्टेशन, रेलवे स्टेशन के अन्दर भी प्रीमियम रिटेल यानि महंगी अंग्रेजी शराब की दुकानें खोली जा सकेंगी। ऐसी दुकानों का प्रवेश व निकास द्वार मुख्य भवन के अन्दर से होगा। इसके साथ ही प्रदेश में शराब के शौकीनों को पहली अप्रैल से देसी, अंग्रेजी शराब, बीयर व भांग के लिए अपनी जेब और ढीली करनी पड़ेगी। इसके तहत लाइसेंस फीस में वृद्धि कर दी गई है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हवाई अड्डो, रेलवे स्टेशन पर शराब बेचने के फैसले पर योगी सरकार पर हमला भी किया है। यहां तक कहा कि भाजपा अपने कार्यालय से ही शराब बेचे।
अब अंग्रेजी शराब, बीयर, भांग, मॉडल शॉप की दुकानों की वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए वार्षिक लाइसेंस फीस 10 प्रतिशत बढ़ा दी गई है। देसी शराब की लाइसेंस फीस 254 रुपये प्रति लीटर और ड्यूटी 30 रुपये से बढ़ा कर 32 रुपये प्रति लीटर तय की गई है। देसी शराब के पउव में पांच रुपये के गुणांक में अधिकतम खुदरा मूल्य यानि एमआरपी तय होगी।
राज्य की बीयर की फुटकर की दुकानों में अगर 100 वर्गमीटर अलग से जगह है, तो 5000 रुपये का शुल्क अदा कर लाइसेंसी वहां लोगों को बीयर पिलाने का भी इंतजाम कर सकेगा। इसके लिए जिलाधिकारी के अनुमोदन के लिए जिला आबकारी अधिकारी द्वारा अनुमति दी जाएगी। मगर इस परमिट रूम में कैंटीन की सुविधा अनुमन्य नहीं होगी। किसी बार के लाइसेंसी परिसर से संबंधित भवन के दूसरे परिसर, टेरेस में लाइसेंसी द्वारा अतिरिक्त बार काउंटर की स्थापना की जा सकेगी। इसके लिए अनुमति लेनी होगी। इसके लिए बार लाइसेंस फीस का 25 प्रतिशत या ढाई लाख रुपये का शुल्क देना होगा।
साथ उत्तर प्रदेश में शादी ब्याह, ईवेंट व अन्य कार्यक्रमों में अब सिर्फ 12 घंटे के दरम्यान या रात 12 बजे तक ही शराब परोसी जा सकेगी। नई नीति में शादी-ब्याह, ईवेंट या अन्य कार्यक्रमों शराब परोसने के लिए लिए जाने वाले ओकेजनल बार लाइसेंस की अवधि 12 घंटे या रात 12 बजे तक तय की गई है।
पुलिस या किसी अन्य एजेंसी द्वारा किसी भी शराब, बीयर या भांग की फुटकर दुकान या थोक कारोबार का संचालन बगैर जिलाधिकारी की पूर्वानुमति के बंद नहीं किया जा सकेगा अथवा उसे सील नहीं किया जा सकेगा।
आबकारी विभाग के अधिकारी या लाइसेंस जारी करने वाले प्राधिकारी यानि जिलाधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को छोड़ अन्य किसी अधिकारी द्वारा लाइसेंसी परिसर का निरीक्षण बिना जिलाधिकारी की अनुमति के नहीं किया जा सकेगा।
आबकारी विभाग के अधिकारी और लाइसेंस जारी करने वाले जिलाधिकारी द्वारा प्राधिकृत अधिकारी को छोड़कर अन्य एजेंसियों व अफसरों द्वारा शराब, बीयर व भांग की दुकानों के निरीक्षण की अनिवार्य रूप से वीडियोग्राफी करवाई जाएगी।
अंग्रेजी शराब और बीयर बनाने वाले उत्पादक अपनी डिस्टलरी व प्लांट के परिसर का पर्यटकों को भ्रमण करवा सकेंगे। साथ ही वहां इन पर्यटकों को अपने ब्रांड का स्वाद भी चखा सकेंगे। इसके लिए शराब की डिस्टलरियों के संचालका को 50 हजार और बीयर बनाने वालों को 25 हजार रुपये का शुल्क देना होगा।
तीन हजार रुपये से अधिक प्रति बोतल एमआरपी वाली देश में बनी अंग्रेजी शराब के स्कॉच व सिंगल माल्ट ब्रांण्ड की प्रदेश में बिक्री प्रोत्साहित करने के लिए बी.डब्लू.एफ.एल.-2एए लाइसेंस भी दिये जाएंगे।
-प्रत्येक फुटकर दुकान पर डिजिटल लेनदेन की सुविधा जरूरी होगी।
नई नीति में देसी शराब की चार श्रेणियां तय की गई हैं। शीरे से बनने वाली 36 प्रतिशत तीव्रता वाली 200 मिली की शराब कांच, पेट की बोतलों व टेट्रापैक में, शीरा से बनी 25 प्रतिशत तीव्रता वाली 200 मिली की कांच, पेट की बोतलों व टेट्रा पैक में बिकेगी। इसके अलावा अनाज सड़ाकर बनाई जाने वाली देसी शराब 42.8 प्रतिशत तीव्रता की 200 मिली और 36 प्रतिशत तीव्रता वाली शराब कांच, पेट व एसेप्टिक ब्रिक पैक यानि टेट्रा पैक में बिकेगी।