ब्यूरो,
उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए बन रही लाइफ लाइन उनके बेहद करीब पहुंच ठिठक गई। अवरोध आने से पाइप का अगला हिस्सा मुड़ गया। वहीं ऑगर के ब्लेड क्षतिग्रस्त होने से ड्रिलिंग मशीन का काम रुक गया। फिलहाल विशेषज्ञ इसे ठीक करने के प्रयास में जुटे हैं। पूरे दिन ड्रिलिंग मशीन बामुश्किल एक घंटे ही चल पाई। शुक्रवार सुबह ऑगर मशीन ने दोबारा काम करना शुरू कर दिया है। लगभग 300 घंटे होने वाले हैं।रेस्क्यू ऑपरेशन अफने अंतिम पड़ाव में है। इसलिए कोई भी एजेंसी हड़बड़ी में कोई गलती नहीं करना चाहती है। एजेंसियों का मानना है कि बेशक देरी हो जाए लेकिन हड़बड़ी नहीं होनी चाहिए।एनडीआरएफ ने व्हील्ड पाइप के दूसरी तरफ पहुंचने पर सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए पाइपलाइन के जरिए पहिएदार स्ट्रेचर की मूवमेंट दिखाई।