ब्यूरो,
उत्तर प्रदेश में भारत-नेपाल सीमा के पास बीते कुछ सालों में मदरसों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इन इलाकों में चल रहे 4 हजार मदरसे स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) की रडार पर हैं। विदेशी फंडिंग को लेकर राज्य सरकार ने इन मदरसों की जांच शुरू कर दी है। तीन सदस्यीय एसआईटी में एडीजी एटीएस मोहित अग्रवाल के साथ एसपी साइबर क्राइम डॉ. त्रिवेणी सिंह और डायरेक्टर माइनॉरिटी वेलफेयर जे रीभा शामिल हैं।
इस टीम ने जांच शुरू कर दी है। अल्पसंख्यक कल्याण के डायरेक्टर जे रीभा ने बताया, राज्य सरकार ने तीन सदस्यों की एसआईटी बनाकर उसे इन मदरसों को मिलने वाली फंडिंग की ऑडिट करने की जिम्मेदारी दी है। उन्होंने कहा कि संबंधित अधिकारियों से फंडिंग के रिकॉर्ड मांगे गए हैं। कुछ मदरसों को लगातार विदेशी फंड मिल रहा है। इसकी पूरी जानकारी जल्द ही निकाली जाएगी। मीटिंग्स के बाद रिकॉर्ड्स की समीक्षा करने के बाद जांच आगे बढ़ेगी।
उत्तर प्रदेश राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड ने पुष्टि की है कि उससे मदरसों की फंडिंग को लेकर रिकॉर्ड मांगे गए हैं। अधिकारी रिकॉर्ड तैयार करके जल्द ही सौंप देंगे। बता दें कि बीते साल उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों का सर्वे करवाया था। उसी दौरन पता चला था कि नेपाल सीमा के पास बड़ी संख्या में ऐसे मदरसे हैं जिन्हें फंडिंग मिल रही है लेकिन उसका रिकॉर्ड नहीं मिल पा रही है। इसके बाद सरकार ने इन मदरसों की जांच कराने का फैसला किया था।
उत्तर प्रदेश मदरसा एजुकेशन बोर्ड के चेयरमैन डॉ. इफ्तिकार ने कहा है कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा, हमें जानकारी दी गई है कि मदरसों की फंडिंग की जांच करने के लिए एसआईटी बनाई गई है। मदरसा एजुकेशन बोर्ड एसआईटी के साथ इस काम में मदद करने को तैयार है। उन्होंने कहा, हमने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि एटीएस द्वारा मांगी गई सारी जानकरी उपलब्ध करवाई जाए। उन्होंने यह भी कहा, मुझे मुझे उम्मीद है कि ज्यादातर मदरसे देशभक्त हैं और वे इस जांच में सहयोग करेंगे।