ब्यूरो,
यूपी के लखनऊ में मां-बेटे के रिश्ते को शर्मसार कर देने का मामला सामने आया है। यहां जिस मां ने अपनी कोख में नौ महीने रखकर बेटे को जन्म दिया। पाल पोसकर उसे बड़ा किया, मां के बुढ़ापे में उसी बेटे ने मुंह मोड़ लिया। मां बीमार हुई तो अस्पताल में तो भर्ती करा दिया लेकिन देखरेख करने के नाम अपनी जिम्मेदारियों से भागता नजर आया। मां की जब तबियत बिगड़ी तो बेटा उसे मरने के लिए अस्पताल में ही छोड़कर भाग निकला। बेटे का इंतजार करते-करते मां दुनिया से चल बसी। अस्पताल प्रशासन ने इसकी जानकारी पुलिस को दी। कृष्णानगर पुलिस जब अस्पताल में दर्ज पते पर पहुंची तो वहां ताला लटकता मिला।
महिला के बेटे का पुलिस ने मोबाइल फोन मिलाया तो वह भी बंद मिला। इसके बाद इंस्पेक्टर विक्रम सिंह ने इंसानियत दिखाई और बेटे की तरह महिला का अंतिम संस्कार किया। इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के मुताबिक 14 अक्तूबर की शाम आशियाना सेक्टर-एफ निवासी मीनू देवी (65) को इलाज के लिए बेटे राजेश साहू ने लोकबंधु अस्पताल में भर्ती कराया। लो ब्लड प्रेशर, शुगर से ग्रसित मीनू ने देर शाम दम तोड़ दिया। लईया-चना का ठेला लगाने वाले राजेश को डॉक्टरों ने मां की मौत होने की जानकारी दी। यह सुनते ही राजेश अस्पताल से चला गया । डॉक्टरों ने राजेश का मोबाइल नम्बर मिलाया तो वह स्विच ऑफ मिला।
हरदोई निवासी राजेश साहू लईया चना का ठेला लगाता है। चार साल से वह सेक्टर-एफ में किराए पर रह रहा था। 14 अक्तूबर की रात मीनू देवी की मौत होने के बाद राजेश भाग निकला। कृष्णानगर कोतवाली से सिपाही अस्पताल में दर्ज राजेश के मकान पर पहुंचे। जहां मकान मालिक ने यह जानकारी दी। दो दिन तक सिपाही राजेश को तलाशने का प्रयास करते रहे। उसका मोबाइल स्विच ऑफ मिला। वहीं, हरदोई में राजेश कहां रहता है, इसकी जानकारी मकान मालिक भी नहीं दे सके। नौ माह तक कोख में पलने वाले बेटे के मुंह मोड़ने पर मीनू देवी के शव की अंतिम यात्रा इंस्पेक्टर ने अपने कंधों पर निकालकर टीम के साथ मुखाग्नि दी।