ब्यूरो,
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कथित कैश फॉर क्वेरी घोटाले में टीएमसी की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा दर्ज शिकायत को आचार समिति को भेज दिया है। यह कदम भाजपा सांसद दुबे द्वारा केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव और केंद्रीय राज्य मंत्री (एमओएस) आईटी राजीव चंद्रशेखर को पत्र लिखने के बाद आया है।
दुबे ने रविवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर मोइत्रा पर संसद में सवाल पूछने के लिए एक उद्योगपति से ‘‘रिश्वत’’ लेने का आरोप लगाया था। महुआ ने आरोपों को आधारहीन बताया है और बिरला से आग्रह किया है कि उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए समिति गठित करें।
लोकसभा की आचार समिति के अध्यक्ष भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर हैं। दुबे ने बिरला को लिखे पत्र में ‘विशेषाधिकार के गंभीर उल्लंघन’, ‘सदन की अवमानना’ और भारतीय दंड संहिता की धारा 120-ए के तहत एक अपराध में संसद सदस्य (लोकसभा) महुआ मोइत्रा की सीधी संलिप्तता का आरोप लगाया है।
दुबे ने एक वकील से मिले पत्र का हवाला देते हुए कहा था कि वकील ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता और एक व्यवसायी के बीच रिश्वत के लेन-देन के “अकाट्य” सबूत साझा किए हैं। भाजपा सांसद ने आरोप लगाया है कि हाल तक लोकसभा में उनके (मोइत्रा) द्वारा पूछे गए 61 में से 50 प्रश्न अडाणी समूह पर केंद्रित थे, जिस पर तृणमूल सांसद ने अक्सर कदाचार का आरोप लगाया हैं।
मोइत्रा ने सीधे तौर पर दुबे का नाम लिए बिना उन पर पलटवार करने के लिए ‘एक्स’ पर कई संदेश पोस्ट किए थे और अडाणी समूह पर ताजा हमला बोला था। उन्होंने कहा था, ‘‘फर्जी डिग्रीवाला और भाजपा के अन्य दिग्गजों के खिलाफ विशेषाधिकार हनन के कई मामले लंबित हैं। लोकसभाध्यक्ष द्वारा उनके निपटारे के तुरंत बाद मेरे खिलाफ किसी भी प्रस्ताव का स्वागत है। साथ ही मेरे दरवाजे पर आने से पहले अडाणी कोयला घोटाले में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और अन्य द्वारा प्राथमिकी दर्ज किये जाने का इंतजार कर रही हूं।’’