डॉक्टरों और अन्य चिकित्सा कर्मचारियों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने से बचाने के लिए, त्रिपुरा विश्वविद्यालय के एक शिक्षक ने कबाड़ से एक रोबोट बनाया है। एक अधिकारी ने कहा कि यह रोबोट कोविड-19 रोगियों को भोजन और दवा भी वितरित कर सकता है।
विश्वविद्यालय के केमिकल एंड पॉलिमर इंजीनियरिंग विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. हरजीत नाथ द्वारा विकसित ‘कोविड-19 वॉरबोट’ को एक ट्रांसमीटर और एक खिलौना कार से निकाले गए रिसीवर द्वारा नियंत्रित किया जाता है। यह पूरी तरह चार्ज होने पर 90 मिनट तक काम कर सकता है।
आईआईटी-गुवाहाटी के पूर्व छात्र डॉ. हरजीत ने बताया कि यह एक कम लागत वाला रोबोट है, जिसे प्रयोगशाला में अपशिष्ट पदार्थों से बनाया गया था। एक स्थानीय हार्डवेयर कारखाने के एक कार्यकर्ता से भी मदद ली थी, और इसे एक सप्ताह में तैयार किया। इसे बनाने के लिए केवल 25,000 रुपये खर्च किए। तीन 0.5 एचपी की मोटर और रिचार्जेबल बैटरी वाला रोबोट इसके ऊपर लगी एक प्लास्टिक ट्रे पर 15 किलो वजनी खाना और दवाइयां ले जाने में सक्षम है।
कोच्चि स्थित एक स्टार्टअप फर्म, असिमोव रोबोटिक्स ने भी मरीजों की सेवा और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए जोखिम को कम करने के लिए ऐसा ही एक रोबोट बनाया है। उन्होंने कहा, रोबोट में कई और फीचर जोड़े जा सकते हैं, ताकि यह संदिग्ध रोगियों की थर्मल जांच जैसे अन्य काम कर सके। चल रहे लॉकडाउन के कारण कई परिष्कृत गैजेट अब उपलब्ध नहीं हैं। गोविंद बल्लभ पंथ (जीबीपी) अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि कई राज्यों और विदेशों में अस्पतालों में रोबोट का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रकार का रोबोट हमारे अस्पताल में उपयोगी हो सकता है।