ब्यूरो,
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को इस बाबत आदेश जारी कर दिए। आईटी विभाग ने इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया है, ताकि सभी विभागों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा पारदर्शी तरीके से की जा सके।
दूसरे कई राज्यों की तरह राजधानी दिल्ली में भी सभी विभागीय परियोजनाओं और कार्यों की जियो टैगिंग अनिवार्य कर दी गई है। सभी सरकारी विभागों को पोर्टल पर अपने काम के सबूत देने होंगे। यानी, उन्हें पोर्टल पर काम का लेखा-जोखा देना होगा। इसके बाद ही निर्माण एजेंसियों का भुगतान हो पाएगा।
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोमवार को इस बाबत आदेश जारी कर दिए। आईटी विभाग ने इसके लिए ऑनलाइन पोर्टल बनाया है, ताकि सभी विभागों के कार्यों की प्रगति की समीक्षा पारदर्शी तरीके से की जा सके।
पारदर्शिता लाने का दावा दिल्ली के सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार, कार्यों में देरी और लागत में होने वाली बढ़ोतरी को रोकने के लिए उपराज्यपाल ने सभी परियोजनाओं को ऑनलाइन पोर्टल पर जियो टैग करना अनिवार्य कर दिया है। राजनिवास के मुताबिक, इस कदम से न सिर्फ पारदर्शिता आएगी बल्कि धन का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार को रोका जा सकेगा। इसके साथ ही कार्य की गुणवत्ता को बनाए रखने और समय से पूरा करने में भी यह कदम सहायक होगा। पोर्टल पर नियमित तस्वीर अपलोड करने से संबंधित अधिकारी को नियमित समीक्षा करने में भी मदद मिलेगी।
नियमित जानकारी न देने का आरोप उपराज्यपाल ने सतर्कता निदेशालय के इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के आईटी विभाग द्वारा परियोजनाओं की निगरानी के लिए बनाए गए इस पोर्टल पर अधिकतर विभाग अपनी परियोजनाओं और कार्यों की प्रगति नियमित जानकारी अपलोड नहीं कर रहे हैं। उपराज्यपाल ने निर्देश दिए हैं कि दिल्ली सरकार के सभी बड़े अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके विभाग की सभी परियोजनाओं और कार्यों की जियो टैगिंग, प्रगति रिपोर्ट रंगीन चित्र समेत ऑनलाइन पोर्टल https//delhimonitoring.calibrewebsol.com/ पर किए जाएं।
ये है जियो टैगिंग : जियो टैगिंग का अर्थ काम की भौगोलिक स्थिति, फोटो, मैप और वीडियो के जरिए सटीक जानकारी देना है। यह उस जगह की लोकेशन भी बताता है।
देनी होंगी ये जानकारियां:-
- अब काम से पहले और बाद की रंगीन तस्वीरें दिल्ली सरकार के आईटी विभाग द्वारा विकसित पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य होगा।
- पहले सभी कार्यों की प्रगति का मूल्यांकन और सभी परियोजनाओं के अधिकारियों द्वारा सत्यापन के पश्चात ही ठेकेदारों को भुगतान होगा।
कई राज्य सरकारों द्वारा जियो टैगिंग को अनिवार्य किया जा चुका है। अरुणाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल जैसे राज्य व केंद्र सरकार के मंत्रालय और विभागों, प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा, प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम आदि में जियो टैगिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार रोकने और सभी कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इससे दिल्ली के विकास को गति मिलेगी।”