लॉकडाउन-4 में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ ही गाड़ियों को आवाजाही की इजाजत मिलने से दिल्ली में करीब दो महीने बाद, सार्वजनिक परिवहन सेवा मंगलवार से बहाल हो गई। इसके बाद सड़कों पर बसें, ऑटो और टैक्सियां चल रही हैं, लेकिन सीमित संख्या में इनमें सवारियां यात्रा कर रही हैं।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बुधवार को कहा कि सभी ड्राइवर और कंडक्टर और बस मार्शलों को सख्त हिदायत दी गई है कि 20 से अधिक सवारियों के साथ बस न चलाएं। अगर यह बात सामने आती हैं कि उन्होंने इन निर्देशों का पालन नहीं किया तो तीनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। ज्यादातर दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) की बसें रेलवे स्टेशनों पर प्रवासियों को लाने के काम में लगी हुई हैं, आज हमें जानकारी मिली है कि राजस्व विभाग को लगभग 1200 बसों की आवश्यकता है और पुलिस को भी 400-500 बसों की आवश्यकता है।
कैलाश गहलोत ने बताया कि सार्वजनिक परिवहन को बहाल करने के संबंध में विभाग सभी जरूरी सावधानी बरत रहा है और लोगों से मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया गया है। कैलाश गहलोत ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया था, ”हमने कुछ टर्मिनल और बस स्टैंड पर बस में चढ़ने से पहले यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग शुरू कर दी है। हम सभी व्यस्त बस स्टैंड पर इसे लागू करने का प्रयास करेंगे। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार जनता के लिए सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने को लेकर सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और क्लस्टर बस सेवा शुरू हो गई है और कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के नियम और सैनिटाइजर का इस्तेमाल तथा मास्क जैसे सुरक्षा उपायों को लागू किया गया है। परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जितना संभव हो रहा है, उतनी ज्यादा बसें चलाने की हम कोशिश कर रहे हैं, लेकिन कई बसें विशेष अनुबंध के काम में लगी हैं और कुछ ड्राइवर और कंडक्टर एनसीआर के शहरों में रहते हैं, इसलिए उन्हें ड्यूटी पर आने में परेशानी हो रही है। आने वाले दिनों में स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि सुबह में बस सेवा बहाल होने के बाद से कोई बड़ी दिक्कत नहीं आई। हालांकि कुछ इलाकों में लोगों को थोड़ा लंबे वक्त तक इंतजार करना पड़ा।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को पाबंदियों में ढील का ऐलान किया था, जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए सार्वजनिक परिवहन को बहाल करना शामिल था। हालांकि लॉकडाउन 31 मई तक के लिए बढ़ा दिया गया है। उन्होंने कहा था कि एक बस में 20 सवारियों को यात्रा करने की इजाजत होगी। परिवहन विभाग की जिम्मेदारी होगी कि वह यात्रा के दौरान और बस स्टॉप पर सोशल डिस्टेंसिंग के नियम का पालन कराए, टैक्सी, ऑटो और कैब के चालकों को हर यात्रा के बाद यात्री की बैठने की जगह को संक्रमण मुक्त करना होगा। दिल्ली में मार्च के आखिरी हफ्ते में बसें और अन्य सार्वजनिक परिवहन सेवा बंद कर दी गई थीं।