ब्यूरो,
बिजली विभाग की रार तेज हो गई है। सरकार और बिजली विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी अब सामने – सामने आ चुके हैं। कर्मचारियों ने जहां गुरुवार को कार्य बहिष्कार जारी रखते हुए रात 10 बजे से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
वहीं, ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने प्रेस वार्ता करते हुए हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों और इंजीनियरों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्यवाही करने की बात कही है। इसका असर दिखने लगा है। प्रयागराज, महोबा और महारागंज समेत कई जिलों में कर्मचारियों और नेताओं की गिरफ्तारी हो चुकी है।बिजली कर्मियों की हड़ताल को देखते PAC तैनात कर दी गई है। इसके चलते शक्ति भवन पर बड़ी संख्या में तैनाती कर दी गई है।
सरकार ने सबसे पहले संविदा और आउट सोर्सिंग वाले कर्मचारियों को टारगेट करने का फैसला किया है। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि संविदा वालों को नौकरी से निकाल दिया जाएगा। जबकि एस्मा के तहत नियमित कर्मचारियों को छह महीने से लेकर एक साल तक जेल में डाला जा सकता है। अभी तक अलग – अलग शहरों को मिलाकर करीब 20 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
यूपी में 23 साल बाद बिजली कर्मचारी और इंजीनियर बुधवार रात 12 बजे के बाद से कार्य बहिष्कार पर है। मांगों पर कोई कार्रवाई न होने से नाराज इंजीनियरों ने 16 मार्च रात 10 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। ऐसे में 3 करोड़ बिजली उपभोक्ता की परेशानी बढ़ सकती है।
लखनऊ में गुरुवार को राणा प्रताप मार्ग स्थित फील्ड हॉस्टल पर 1500 से ज्यादा इंजीनियर और कर्मचारी प्रदर्शन किया। संगठन के नेता सभा को संबोधित कर रहे हैं। लेखा संगठन आंदोलन में शामिल नहीं है। लेकिन ज्यादातर काम कर्मचारियों से संबंधित होते हैं। ऐसे में यहां भी कोई काम नहीं हो रहा है। हालांकि इनके कार्य बहिष्कार के बाद मंत्री एके शर्मा ने भी सख्त रूप अपनाया है।
मंत्री एके शर्मा ने कहा है कि आंदोलन के चलते अगर बिजली व्यवस्था में परेशानी आती है तो प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने इस मामले में दलित इंजीनियरों के संगठन पॉवर ऑफिसर्स एसोसिएशन को अपने साथ कर लिया है। संगठन के कार्यवाहक अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने मंत्री को आश्वासन दिया है कि उनके साथ के लोग दो घंटा अतिरिक्त काम करेंगे। जरूरत पड़ी तो वह 24 घंटे काम करेंगे। लेकिन बिजली व्यवस्था बिगड़ने नहीं होने देंगे।