लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश प्रवक्ता सुरेन्द्र नाथ त्रिवेदी ने केन्द्र सरकार की कार्यशैली पर प्रहार करते हुए कहा कि सम्पूर्ण देश में मजदूरों की अनदेखीऔर उन पर आर्थिक तथा सामाजिक अत्याचार केन्द्र सरकार के ही इशारे पर हुआ और हो रहा है।देश के प्रधानमंत्री ने पहले ही लाक डाउन घोषित करते समय इन मजदूरों को सिर्फ चार घण्टे का समय दिया था ।सरकार द्वारा यह साजिश इसलिए की गई कि यदि मजदूर अपने घरों को चले गए तो उसके चहेते पूँजीपतियों की बडी़ बडी़ मिलें और उद्योग धन्धे कैसे चलेंगे।
श्री त्रिवेदी ने स्पष्ट करते हुए कहा कि उद्योगपतियों द्वारा वेतन न मिलने पर मजदूरों को महसूस हुआ कि वे जिस भूख को शान्त करने के लिए यहाँ आये थे वह और बढ़ गई है।यही कारण है कि वे अपने अपने घरों से अपनी जन्मभूमि के लिए निकल पड़े।इस पलायन को रोकने के लिए प्रशासन के माध्यम से पुलिस द्वारा लाठीचार्ज कराये गए और अब भी कराये जा रहे हैं ताकि सरकार की साजिश कामयाब हो सके।लाठीचार्ज और अनावश्यक उत्पीड़न पर विपक्ष ने आवाज उठाई तब सत्ता द्वारा विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगाया जा रहा है।उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष की तिलमिलाहट स्वाभाविक है क्योंकि देश के लगभग 40 करोड़ मजदूरों पर की गई साजिश सफल नहीं हो सकी। रालोद प्रदेश प्रवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ मीडिया ने मजदूरों पर हो रहे अत्याचार को उजागर किया।यही कारण है कि कोरोना वारियर्स की अहम भूमिका निभाने वाले मीडिया कर्मियों के लिए सरकार द्वारा न ही किसी प्रकार के पैकेज की घोषणा की गई और न ही उनको सार्वजनिक रूप से सम्मानित किया गया।उन्होंने यह भी कहा कि अब सरकार अपने कर्मों से मजदूर और मजलूम के साथ साथ किसान विरोधी सिद्ध हो चुकी है।