ब्यूरो,
वाराणसी के बाद अब मेरठ में भारतमाता की पूजा होगी। मेरठ में भारत माता का मंदिर आकार ले रहा है। मंदिर प्रांगण में भारत माता मूर्ति स्वरूप में विराजमान की जाएंगी। वहीं अखंड भारत के नक्शे का भी पूजन होगा। बता दें कि अभी तक दुनिया में वाराणसी का भारत माता मंदिर अकेला मंदिर है। जहां भारत के नक्शे का पूजन होता है। इस नक्शे को हाल में ही 5डी रूप प्रदान किया गया है।
मेरठ कैंट क्षेत्र में मेहताब सिनेमा के पास बाबा कालेश्वर महादेव मंदिर है। बताया जाता है यह 100 साल पुराना मंदिर है। बेहद प्राचीन होने के कारण मंदिर काफी छिन्न हो गया था। मंदिर प्रबंध समिति ने धीरे-धीरे मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य प्रारंभ किया।
मंदिर कायाकल्प होने लगा साथ ही मंदिर परिसर भी बढ़ता चला गया। वर्तमान प्रबंध समिति अब मंदिर में भारत माता की मूर्ति स्थापित करने जा रही है। इसके लिए मंदिर में भव्य तैयारियां हो रही हैं।
मंदिर के महंत बताते हैं कि मंदिर के इस नए भव्य स्वरूप में मां दुर्गा, बजरंग बली, शनि महाराज, राम दरबार, शिवपार्वती, गजानन, देवाधिदेव महादेव उनके गणों की मूर्तियां स्थापित की जा रही हैं।
देवी देवताओं के साथ भारत माता की मूर्ति भी स्थापित की जाएगी। अखंड भारत के नक्शे के सामने भारत माता को विराजमान किया जाएगा। अन्य देवी देवताओं की मूर्तियां तैयार हो चुकी हैं। भारत माता की मूर्ति को कलाकार अभी अंतिम रूप प्रदान कर रहे हैं।
हाथ में तिरंगा स्वरूप में होगी भारत माता
भारत माता सिंह पर सवार होकर हाथ में तिरंगा लिए हैं। जो मूर्ति मंदिर में स्थापित की जाएगी उसमें भारत माता का यह स्वरूप होग। अन्य भगवानों की मूर्तियां पत्थर से तैयार हैं। जो राजस्थान से मेरठ आ चुकी है। लेकिन भारत माता की मूर्ति मेरठ में ही खासतौर पर तैयार कराई जा रही है।
मूर्ति के पीछे अखंड भारत का नक्शा दीवार पर बनाया गया है। इस नक्शे में प्रांतों, सागरों और सीमावर्ती देशों को उकेरा जाएगा। रंगीन नक्शे में आजादी से पूर्व के उस भारत को दिखाया गया है। जब पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश भी भारत का अंग थे।
मंदिर समिति के महामंत्री अमन गुप्ता बताते हैं कि भारत माता की मूर्ति स्थापना होगी। नियमित रूप से 4 प्रहर माता की पूजा, आरती संपन्न होगी। मंदिर में भक्तिगीतों के साथ देशभक्ति के गीत भी बजाए जाएंगे। मंदिर परिसर को तिरंगा झंडों से सजाया जाएगा।
भारत माता की आरती भी विधिविधान से करेंगे। मेरठ क्रांतिधरा है। 1857 का गदर सबसे पहले मेरठ से शुरू हुआ था। जहां से अंग्रेजों के खिलाफ चिंगारी फूटी थी वो यहीं नजदीक का सदर चौक था। हमारा मंदिर का ये स्थल उस ऐतिहासिक घटना का गवाह है। इसलिए यहां हम भारत माता को विराजमान कर रहे हैं।
भारत माता मंदिर का शिखर भी 80 फिट ऊंचा तैयार किया जा रहा है। मंदिर का शिखर लोहे और कांच से बनाया जा रहा है। मंदिर में तीन फ्लोर तैयार किए जा रहे हैं। प्रथम तल पर भारत माता अन्य देवी देवताओं के साथ विराजमान होंगी।
ऊपर के तलों पर स्वागत कक्ष, बैठक, संत समागम भवन, अन्नपूर्णा गृह, ध्यान कक्ष व सभागार आदि बनाए जा रहे हैं। जहां साधु संतों का आगमन और सत्संग होता रहे।
मंदिर प्रबंध समिति के मीडिया प्रभारी विपुल सिंघल बताते हैं कि प्राचीन मंदिर का सौंदर्यीकरण करा रहे हैं। यहां भारत माता की मूर्ति स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी में देशभक्ति की भावना का संचार करना है। स्कूली बच्चे, युवाओं को मंदिर में विशेष रूप से आमंत्रित किया जा रहा है। ताकि बच्चे यहां आकर भारतमाता के बारे में जाने।