ब्यूरो,
नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय को बताया की कोविड-19 का टीका लगाना बाध्य नहीं था , वह स्वतंत्र थे लगवाएं या ना लगवाएं , अगर आपको टीका नहीं लगा है तो आप हवाई जहाज ट्रेन में यात्रा नहीं कर सकते, टीका नहीं लगा तो आप किसी परीक्षा में नहीं बैठ सकते, टीका नहीं लगा तो आप हॉस्पिटल में नहीं दिखा सकते उत्तर प्रदेश में तो अगर आपको टीका नहीं लगा है तो आप हाई स्कूल इंटर और प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग नहीं ले सकते , क्या यह जो आदेश केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा दिए गए थे यह मौखिक थे टीका के लिए, जनता को इतना प्रेशर डाला गया , डॉक्टरों के अनुसार हृदय गति उन लोगों की रूकती है जिन लोगों के पास ज्यादा खुशियां . गम और मोटापा के कारण, चौथा कोई कारण नहीं मजदूरों के पास न ज्यादा खुशियां होती है और न ज्यादा गम और न ज्यादा मोटापा होता है उसके बावजूद भी उनके हृदय गति रुक रही है लाखों लोग टीका धारी दुनिया छोड़कर चले गए जिम्मेदारी किसकी ।