चीन ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देशों को “संयुक्त राष्ट्र में अपने वित्तीय दायित्वों को सक्रिय रूप से पूरा करने” का संदेश देते हुए बयान जारी किया, जिसमें कहा गया है कि वाशिंगटन को 2 अरब डॉलर से अधिक संगठन को देना है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के कार्यालय की एक रिपोर्ट और एक बैठक में कहा गया, “14 मई तक, संयुक्त राष्ट्र के नियमित बजट और शांति बजट के तहत क्रमशः 1.63 बिलियन डॉलर और 2.14 बिलियन अमेरिकी डॉलर की कुल रकम नहीं चुकाई गई है। चीन ने कहा कि कई वर्षों के बाद बकाया राशि में संयुक्त राज्य का अमेरिका सबसे बड़ा कर्जदार है, जिसे क्रमशः 1.165 बिलियन और 1.332 बिलियन अमेरिकी डॉलर देने हैं।
बता दें कि इधर, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने के मामले में चीनी नेतृत्व के प्रति अपनी नाराजगी का संकेत देते हुए कहा है कि वह अपने चीनी समकक्ष शी चिनफिंग से अभी बात नहीं करना चाहते। व्हाइट हाउस में संवाददाता सम्मेलन में ट्रंप से सवाल किया गया कि वह शी से बात क्यों नहीं करना चाहते हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘उनसे अभी बात नहीं करना चाहता हूं। हम देखेंगे कि आने वाले समय में क्या होता है।’
इस साल की शुरुआत में हुए व्यापार समझौते के अनुसार चीन पिछले साल की तुलना में अमेरिकी वस्तुएं अधिक खरीद रहा है। ट्रंप ने कहा, ‘वे व्यापार समझौते पर काफी खर्च कर रहे हैं, लेकिन व्यापार समझौते को लेकर मेरा मजा थोड़ा किरकिरा हो गया है, आप समझ सकते हैं।’ इससे पहले ट्रंप ने कहा था कि वह व्यापार समझौते के बारे में बात नहीं करना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा, ‘मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहता। मैं कह सकता हूं कि चीन हमारे काफी उत्पाद खरीद रहा है, लेकिन व्यापार समझौता– अभी स्याही सूखी भी नहीं थी कि चीन से यह (कोरोना वायरस) आ गया। इसलिए, ऐसा नहीं है कि हम खुश हैं।’
उन्होंने कहा, ‘ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था। यह चीन से आया। इसे दुनिया में फैलने से पहले चीन में ही रोका जा सकता था। कुल 186 देश प्रभावित हुए हैं। रूस बुरी तरह प्रभावित है, फ्रांस बुरी तरह प्रभावित है। आप किसी भी देश की ओर देखिए और आप यह कह सकते हैं कि वह ‘प्रभावित है या यह कह सकते हैं कि वह संक्रमित है।’
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव केलीग मैकेनानी ने संवाददाताओं से कहा कि ट्रंप चीन से हताश हैं। इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि ट्रंप प्रशासन अमेरिकी नागरिकों की निजता या विश्वभर में आगामी पीढ़ी के नेटवर्कों की अखंडता को कमजोर करने के ‘चाइनी