ब्यूरो,
प्रदेश में लखनऊ मेट्रो के फेस-2 का काम जोरों से चल रहा है। इसके बाद इन्ही लाइंस का विस्तार सीतापुर, हरदोई, उनाव व बाराबंकी तक किया जाएगा। इसे अमलीजामा पहनाने के लिए राज्य सरकार के प्रमुख अधिकारी जन लगे हुए हैं। इसी के साथ लखनऊ और नोएडा के बाद अब मेट्रो बनाने की सूची में वराणसी, आगरा, गोरखपुर व प्रयागराज जैसे अन्य जिले भी शामिल किए गए हैं।
बता दें, कानपुर जिले में मेट्रो बनाने का काम शुरू भी कराया जा चुका है। अन्य जिले से संबंधित सभी कार्य तेजी से चल रहे हैं, जिनमें सबसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का डीपीआर बनना है। गौरतलब है कि डीपीआर प्रोजेक्ट से सभी संबंधित मेट्रो कर्मचारी जुड़े हैं। ऐसे में आने वाले उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार लगभग सभी प्रमुख जिलो में मेट्रो की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
यूपी मेट्रो में वर्तमान एमडी श्री केशव कुमार वर्ष 2014 से एमडी पद पर नियुक्त हैं, जो जून 2022 में रिटायर हो रहे हैं। वैसे केशव कुमार का कार्यकाल दो साल पूर्व ही समाप्त हो चुका था, लेकिन फिर दो साल के लिए उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था।
अब ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि यूपी मेट्रो का मैनेजिंग डिरेक्टर किसी ऐसे अधिकारी को बनाया जाए जो उत्तर प्रदेश में मेट्रो की सभी उपलब्धियों को भली-भांति जानता हो या फिर किसी कम अनुभवी व्यक्ति को यूपी मेट्रो का मैनेजिंग डिरेक्टर नियुक्त किया जाना उचित होगा?
बता दें, सूत्रों के मुताबिक यूपी मेट्रो के एमडी पद के लिए कई नामों पर चर्चा चल रही है,लेकिन जो नाम सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है वो वर्तमान में यूपी मेट्रो में डायरेक्टर पद पर तैनात संजय मिश्रा का है। कुछ सूत्रों का कहना है कि संजय मिश्रा को एमडी बनाने की तैयारी चल रही है।
संजय मिश्र के यूपी मेट्रो में कार्य अनुभव की बात करें तो वो यूपी मेट्रो में अप्रैल 2015 से मार्च 2018 तक चीफ प्रोजेक्च मेनेजर रहें। जबकि 2011 से 2015 रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन पद पर थे और वर्तमान में यूपी मेट्रो में डायरेक्टर/वर्क इंफ्रास्ट्रक्चर पद पर हैं। ऐसे में सिर्फ 7 साल के तजुर्बे पर संजय मिश्रा को यूपी मेट्रो का एमडी कैसे बनाया जा सकता है। जबकि यूपी मेट्रो के एमडी पद का भार संभालने के लिए 7 साल से अधिक का अनुभव होना अनिवार्य किया गया है।