ब्यूरो,
अलीगढ़। महानगर के देहली गेट क्षेत्र के मामूद नगर में 24 जुलाई 2015 की रात हुई पुराने शहर के हिस्ट्रीशीटर नौशे और चंदा की हत्या के छह आरोपी अदालत ने दोषी करार देने के बाद सोमवार को सजा सुनाई है। इनमे 5 को फांसी व एक को उम्रकैद से दंडित किया है। हत्याकांड में यह फैसला एडीजे-तृतीय राजेश भारद्वाज की अदालत ने सुनाया है । अदालत ने सभी छह आरोपियों को जेल भेज दिया।
ये घटना 24 जुलाई 2015 की रात उस समय हुई, जब देहली गेट के शाहजमाल निवासी चंदा और लाल मस्जिद खैर रोड निवासी नौसे मामूद नगर रोरावर में एक शादी समारोह में शामिल होने गए थे। परिवार के अनुसार उन्हें वहां आशिफ बुला ले गया था। तभी डीजे पर डांस करते समय दूसरे पक्ष ने हमला कर दिया। आरोप के अनुसार नौसे के मुंह में हथियार रखकर गोली मारी गई, जबकि चंदा पर भी गोलियां बरसाई गईं। इसके बाद ईंटों से दोनों के सिर कुचले गए। फिर दोनों की लाश शादी वाले घर के बाहर गली में नाली के सहारे दोनों शव फेंककर हमलावर भाग गए। हत्याकांड में नौसे के बेटे राजा ने मुकदमा दर्ज कराते हुए हमदर्द नगर सिविल लाइंस के अधिवक्ता गयासुद्दीन पर एक जमीनी विवाद में रुपये देकर हत्या कराने का आरोप लगाया और हत्या में आशिफ, अहसान, वकील, कफील व भूरा को नामजद किया गया। वहीं पुलिस ने जमीनी विवाद के साथ-साथ इसमें वर्चस्व भी एक वजह मानी। पुलिस जांच में पाया गया कि घटना से कुछ दिन पहले ही एक गैंग जेल से छूटा है। उसके इशारे पर यह कांड हुआ है। न्यायालय में चले सत्र परीक्षण के दौरान साक्ष्यों व गवाही के आधार पर सभी छह आरोपियों को शुक्रवार को दोषी करार दिया गया था। इस बात की जानकारी देते हुए एडीजीसी कृष्ण मुरारी जौहरी ने बताया कि घटना के एक आरोपी गयासुद्दीन एडवोकेट को उम्रकैद व बाकी 5 को फांसी की सजा सुनाई है।