अमरोहा: घर में सो रहे 10 साल के बच्‍चे की गोली मारकर हत्‍या, किसी ने नहीं सुनी फायरिंग की आवाज

ब्यूरो,

उत्‍तर प्रदेश के अमरोहा में घर में सो रहे कक्षा 10 के छात्र की मंगलवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। एएसपी व सीओ ने मौका मुआयना किया। हत्या के कारणों का अभी पता नहीं लग सका है।

आदमपुर थाना क्षेत्र के गांव गुरैठा निवासी 15 वर्षीय गणेशदत्त शर्मा पुत्र रमाकांत शर्मा मंगलवार शाम घेर पर सोने गया था। वह संभल के गंवा के एक स्कूल में कक्षा 10 का छात्र था, साथ ही वह गंवा में मेडिकल स्टोर भी चला रहा था। मंगलवार शाम वह गंवा से घर आया था। रात में घर से खाना खाने के बाद वह कुछ दूरी पर स्थित अपने घेर में सोने चला गया। उसके दादा महेंद्र सिंह भी वहां सो रहे थे। गणेशदत्त ने दादा से कुछ दूरी पर टीन शेड के नीचे चारपाई डाल ली। गुरुवार सुबह मां उषा व बहन राधा घेर में पहुंची तो गणेशदत्त की चारपाई के नीचे खून पड़ा देखकर चौक गईं। लिहाफ उठाकर देखा तो गणेशदत्त के सीने में गोली लगी थी। उसकी मौत हो चुकी थी।

छात्र की हत्या का राज उसके मोबाइल से खुलेगा। पुलिस ने शव के पास से बरामद मोबाइल को जांच के लिए भेजा है। उम्मीद है कि जल्द ही मर्डर के खुलासे में कामयाबी मिलेगी। बताया जा रहा है कि गणेशदत्त घेर में आने के बाद दादा के बराबर की चारपाई पर लेट गया। वह मोबाइल चला रहा था। दादा ने उससे रात ज्यादा होने का हवाला देकर मोबाइल चलाने से बंद करने को कहा तो उसने कुछ दूरी पर टीन शेड में चारपाई डाल ली। रात में किसी वक्त उसका मर्डर हो गया। सुबह में मोबाइल गणेशदत्त के पास से मिला। मौके पर पहुंची पुलिस ने मोबाइल को कब्जे में ले लिया।

फील्ड यूनिट, सर्विलांस टीम ने जांच-पड़ताल के लिए मोबाइल को कब्जे में ले लिया। पुलिस कई बिन्दुओं पर मामले की जांच कर रही है। इसमें प्रेम संबंध का एंगल भी शामिल है। पुलिस का कहना है कि मोबाइल की काल डिटेल से यह पता लग जाएगा कि गणेशदत्त किसके संपर्क में था। सीओ सतीशचंद्र पांडे ने बताया कि मोबाइल जांच के लिए भेजा गया है। काल डिटेल भी निकाली जा रही है। उधर, घटना के खुलासे के लिए पुलिस की तीन टीमों को लगाया गया है।

गणेशदत्त के पिता रमाकांत शर्मा की करीब ढाई वर्ष पूर्व हादसे में मौत हो गई थी। रमाकांत शर्मा ने दो शादी की थीं। पहली पत्नी किरन देवी को कोई संतान नहीं हुई तो उन्होंने उषा से शादी कर ली। उषा पर दो बेटी व तीन बेटे हैं। गणेशदत्त दूसरे नंबर की संतान था। उसकी बड़ी मां किरन देवी गंवा में रहती है। उनके पास रहकर ही वह पढ़ाई करने के संग मेडिकल भी चला रहा था। कभी-कभार गुरैठा आता था। रमाकांत के नाम करीब दस एकड़ भूमि बताई जा रही है।

गणेशदत्त का घेर बीच गांव में है। मुख्य दरवाजा बंद था। बताया जा रहा है कि घेर एक रास्ता पीछे की ओर भी है, जो खुला हुआ है। इस पर गेट नहीं हैं। माना जा रहा है कि हत्यारे इसी रास्ते से आए और घटना को अंजाम देने के बाद चले गए। घर से घेर की दूरी करीब 20 मीटर है। परिवार के बाकी सदस्य घर ही सोए हुए थे। बड़ा भाई खेत पर गया था।

गणेशदत्त की मौत के बाद परिवार में कोहराम मच गया। मां शव देखकर बेहोश हो गई। बहन भी गश खाकर गिर पड़ी। मोहल्ले की महिलाओं ने उन्हें किसी तरह संभाला। पास-पड़ोस समेत आसपास के गांवों के लोग भी मौके पर पहुंच गए। हर कोई इस बात की चर्चा कर रहा था कि 15 वर्ष के गणेशदत्त का मर्डर किसने व क्यों किया। उसकी किसी से रंजिश भी नहीं थी।

मर्डर के दौरान गोली चलने की आवाज किसी ने नहीं सुनी। गणेशदत्त का दादा महेंद्र व आसपास के लोग फायर की आवाज सुनाई न देने की बात कह रही है। पुलिस का मानना है कि बदमाशों ने गणेशदत्त के सीने से सटाकर गोली मारी। गोली सीने के पार हो गई। सीने से सटाकर गोली मारने की वजह से आवाज बेहद कम हुई होगी, जिसके चलते किसी को घटना की खबर नहीं लगी। जिस तरीके से घटना को अंजाम दिया गया, उससे साफ है कि बदमाशों का मकसद गणेशदत्त का मर्डर करना ही था।

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